राजस्थान की कोचिंग नगरी कोटा शहर में जैसे ही शैक्षणिक संस्थानों के ताले खुले, छात्र-छात्राओं की भीड़ नजर आने लगी, छात्र-छात्राओं व अभिभावकों के चेहरों पर भविष्य को देखते हुए मायूसी के बादल हटने लगे | परंतु खुशी के मद्देनजर नहीं हो रही कोविड-19 गाइडलाइन की पालना, इसी तरह रही भीड़ तो आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर |
पुष्पचंद जाटवा ने बताया कि राजस्थान प्रदेश में गत 2 वर्षों से कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते सभी शैक्षणिक संस्थान बंद थे | विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में हो गया था गैर सरकारी विद्यालय, महाविद्यालय तथा कोचिंग संस्थान के शिक्षक सड़क पर आ गए थे | कई प्राइवेट शिक्षकों को अपना धंधा तक बदलना पड़ा था लेकिन शैक्षणिक संस्थान खुलने पर अब आस जगी है, फिर से लाइन पटरी पर आ जाएगी | अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित थे लेकिन 1 सितंबर से शैक्षणिक संस्थान खुलने पर सभी के चेहरों पर से मायूसी के बादल हट गए और लंबे अरसे बाद खुशी की लहर दौड़ी |
विद्यार्थियों ने लंबे अरसे बाद शैक्षणिक संस्थानों में कदम रखे और एक दूसरे से मिलकर किया खुशी का इजहार और जुट गए अध्ययन में |