प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलदौर के प्रबंधक के खिलाफ आशा कार्यकर्ताओं ने विरोध व्यक्त किए। दर्जनों आशा कार्यकर्ताओं के अनुसार बिना घूस लिए प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं करते हैं बीसीएम और बीएच एम, ट्रेनिंग और बैठक के बाद नाश्ता भी नहीं करवाते हैं | जबकि सरकार के द्वारा नास्ता करवाने की राशि भी पीएचसी को दिया जाता है।बेलदौर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलदौर में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा शुक्रवार को ट्रेनिंग अवधि के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को दोपहर का नाश्ता नहीं मिलने के कारण स्वास्थ्य विभाग के बीसीएम एवं बीएच एम के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करते हुए R9. Bharat खगड़िया संवाददाता सुमलेश कुमार यादव को उन्होंने बताई की सरकार द्वारा ट्रेनिंग के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को जलपान की व्यवस्था की गई है लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण ट्रेनिंग अवधि के दौरान उन लोगों को जलपान नहीं दिया जाता था।
विरोध करने या मांगने पर नोकरी से बर्खास्त करने की धमकी दिया जाता है। कई आशा बीसीएम के डर से पत्रकार के सवालों से भागते रही कुछ भी बताना उचित नहीं समझी।उक्त ट्रेनिंग में जापानी इन्सेफलाइटिस नामक बीमारी के टीकाकरण के सामान्य जानकारी उपस्थित आशा को दिया गया। बताया जा रहा है कि उक्त ट्रेनिंग में सभी आशा को निर्देश दिया गया कि वे सब अपने अपने पोषक क्षेत्रों में जाकर घर-घर सर्वे करेंगे कि 1 वर्ष से 5 वर्ष तक के कितने बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ाई करते हैं और 6 वर्ष से 15 वर्ष तक के कितने बच्चे विद्यालय में पढ़ाई करते हैं और इसी उम्र के कितना बच्चे बाहर बिना पढ़ाई का रहते हैं सभी लोगों का अलग-अलग सर्वे कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
बताया जा रहा है कि सोमवार से बेलदौर पंचायत में उक्त कार्यक्रम की शुरुआत किया आंगनबाड़ी केंद्रों से किया जाएगा। लगातार बेलदौर के बी सी एम अपने बातों से मीडिया में बने रहते हैं लेकिन विभागीय पदाधिकारी इनके ऊपर कार्रवाई करना तो दूर अपने स्तर से कुछ समझाना बुझाना भी उचित नहीं समझते हैं जिस वजह से इनकी भाषा लगातार बदलते जा रहा है। हालांकि बोबील पंचायत के आशा सोनी जैसवाल एवं वीआईपी पार्टी के प्रखंड अध्यक्ष प्रभु नारायण चौधरी एवं जदयू बेलदौर के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष गुरुदेव कुमार ने हमारे खगड़िया संवाददाता सुमलेश कुमार यादव को बताया कि आशा कार्यकर्ताओं ने बताई कि बीसीएम मनजीत सिंह एवं पीएचसी प्रभारी डॉ सुभाष रंजन झा पर विभागीय पदाधिकारी को कार्रवाई करना चाहिए था क्योंकि यहां का विधि व्यवस्था बिल्कुल चरमरा गया है यहां ना तो पीने का पानी का व्यवस्था है और ना ही आशा कार्यकर्ताओं को नास्ता दिया जाता है।