कल से विधानसभा सत्र प्रारंभ हो रहा है कांग्रेस प्रभारी आर० पी० एन० सिंह और आलाकमान को बताया है कि भोजपुरी , मगही, अंगिका, मैथिली भाषा को नहीं शामिल किया गया है जो लोग शामिल 12 भाषाओं को नहीं जानते है उन्हें नौकरियां नहीं मिलेगी। सरकार के नोटिफिकेशन मे अगर इन चारों भाषाओं को शामिल नहीं करेगी तो 30 से 40 % जनता प्रभावित होगी । अपनी पार्टी एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा के मंत्रियों एवं मुख्यमंत्री से शामिल करने की मांग करें। 45 विधानसभा क्षेत्र के लोग प्रभावित होगी। नवयुवकों के हित एवं आने वाली पिढी के भविष्य के लिए भाषाओं को संशोधित कर अंगीकृत करें। क्षेत्रीय एवं जनजाति भाषा का लिया जाना स्वागत योग्य है , लेकिन झारखंड राज्य भाषा आधारित क्षेत्र नहीं है। झारखंड से सटे राज्य राज्य की सिमाएं मिलता है। इसलिए अलग अलग जगहों पर अलग भाषाएं बोली जाती है। 81 विधायकों से आग्रह करता हूं कि विधानसभा में चारों भाषाओं को संशोधन करने की बात विधानसभा में उठाने का कार्य करना चाहिए।
झारखंड में विधायिका का अपराधीकरण हो रहा है। विधायक लोग अपना वर्चस्व कायम करने के लिए हत्या करवा रहे हैं। जनेश्वर चौधरी के हत्या के पूर्व विन्दा चौरसिया ने विधायक के चाचा को फोन किया। फोन डिटेल और लोकेशन यह साबित करता है कि विधायक के माध्यम से ही हत्या हुई। हत्याकांड का विडियो क्ई गांवों में दिखाया गया जिससे दहसत पैदा हो। मुख्यमंत्री से विधायिका के अपराधीकरण को रोकने की मांग करता हूं। साक्ष्य और परिवार के लोग विधायक के शामिल होने की बात चिल्ला चिल्ला कर कह रहे हैैं।डी जी पी और मुख्य सचिव व गृह सचिव से मांग करता हूं कि इस हत्याकांड की जांच करें और विधायिका के अपराधीकरण को रोकें।इस अवसर पर मुख्य रूप से अरविन्द पासवान,भोला पाण्डेय,बलराम पाण्डेय, शैलेश चन्द्रवंशी,पाण्डेय,राम प्रवेश सिंह, दिलिप तिवारी,ओम प्रकाश अमन, बब्लू दुबे उपस्थित थे।