सड़क से परेशान ग्रामीणों द्वारा चुनाव बहिष्कार का ऐलान

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 हमीरपुर जिले के एक गांव के ग्रामीणों ने पिछले 10 वर्षों से सड़क ना होने को लेकर 2022 विधानसभा चुनाव में चुनाव बहिष्कार करने की बात कह रहे हैं, ग्रामीणों ने एकजुट होकर आगामी विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार का फैसला लिया है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 10 सालों से उनके गांव की सड़क नहीं बनी हैं, जिसको लेकर अब उन्होंने फैसला लिया है कि वह एकजुट होकर जब तक सड़क नहीं बन जाती तब तक वोट नहीं करेंगे। 

 हमीरपुर जिले की सरीला क्षेत्र के हरदुआ गांव का है गांव मुख्य मार्ग से करीब 8 किमीo की दूरी पर  है। चिकासी से लेकर हरदुआ तक पूरा रास्ता बुरी तरह से कीचड़युक्त है। हालात इतने बदत्तर हैं कि यहां से इंसान तो क्या जानवरों को तक निकलने से पहले सौ बार सोचना पड़ता है। सड़क दलदल में तब्दील है। जिसके चलते ग्रामीणों को आये दिन भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हालात यहां तक हैं कि आकस्मिक चिकित्सा सुविधाओं के लिए एम्बुलेंस भी गांव तक आने को तैयार नहीं होती हैं। कभी भी एम्बुलेंस को बुलाने पर वह तीमारदारों से मरीज को लेकर चिकासी मेन रोड में मिलने को कहते हैं जिसके चलते ग्रामीणों को इस मूलभूत सुविधा का भी कोई लाभ नही मिल पा रहा है। वहीं गांव के नौनिहाल बच्चे पढ़ाई करने के लिए इन कीचड़ भरे दलदल के रास्तों से स्कूल जाने को मजबूर हैं।  स्कूल जाने और वापस घर आने में ही करीब 3 से 4 घंटे का समय लग जाता है साथ ही कई बार बच्चे साइकिल से इस कीचड़ में गिरकर दुर्घटनाओं का भी शिकार हो जाते हैं।

  गांव वालों ने बताया कि चुनाव आते ही प्रत्याशी बड़ी बड़ी गाडियों में आकर बड़े बड़े वादे तो कर जाते हैं लेकिन उसके बाद उनकी कोई सुनने वाला नहीं होता।  इसी प्रकार ये गांव वाले करीब 10 सालों से अपनी मूलभूत सुविधाओं से दूर हैं। चुनाव का मौसम आते ही वोट के लालची प्रत्याशी बरसाती मेढ़क की तरह प्रकट तो होते हैं लेकिन चुनाव समाप्त होते ही विलुप्त हों जाते हैं। इसी रास्ते मे तीन मोरंग खदानें संचालित हैं जिससे प्रतिवर्ष करोड़ों का राजस्व भी राज्य सरकार को जाता है उसके बावजूद भी इन गांव वालों की समस्या को कोई सुनने वाला नहीं है।