भरतपुर 23 जुलाई
आरएसआर लागू किए जाने की मांग को लेकर, चिकित्सक शिक्षकों ने की अनिश्चितकालीन हड़ताल
भरतपुर. राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसाइटी (राजमैस) के अधीन भरतपुर मेडिकल कॉलेज में कार्यरत चिकित्सक शिक्षक सोमवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। चिकित्सक शिक्षकों की मांग है कि राजमैस के तहत कार्यरत चिकित्सक शिक्षकों के लिए भी राजस्थान सेवा नियमों (आरएसआर) को लागू किया जाए। सोमवार को भरतपुर मेडिकल कॉलेज के राजमैस के करीब 60 चिकित्सक शिक्षकों ने सामूहिक हड़ताल पर जाने के साथ ही कॉलेज में धरना प्रदर्शन किया। वहीं, चिकित्सक शिक्षकों के हड़ताल पर जाने के चलते आरबीएम जिला अस्पताल के आउटडोर में चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक और रेजिडेंट्स ने मरीजों का उपचार किया। राजमैस आरएमसीटीए वेलफेयर सोसायटी की भरतपुर शाखा के महासचिव डॉ. हिमांशु गोयल ने बताया कि राजमैस की स्थापना वर्ष 2016 में हुई, उसी समय से इसके नियमों में बहुत ही अस्पष्टता थी। उस समय कहा गया था कि आरएसआर नियमों की पालना की जाएगी, लेकिन आज दिन तक इसके नियम अधूरे हैं। यही वजह है कि राजस्थान में राजमैस के खिलाफ कई केस चल रहे हैं। राजमैस में आरएसआर नियम लागू किए जाएंगे। इसी उम्मीद में प्रदेशभर में करीब 900 चिकित्सक शिक्षक विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं। राजमैस के मेडिकल कॉलेजों पर आरएसआर नियम लागू करने की मांग को लेकर कई बार प्रतिनिधिमंडल चिकित्सा मंत्री और विभाग के जिम्मेदारों से मिला तो आश्वासन दिया गया कि राजमैस में आरएसआर नियम लागू करने का प्रयास करेंगे। इस बार की बजट घोषणा में राजमैस के तहत 1 अगस्त 2024 से भर्ती होने वाले चिकित्सक शिक्षकों पर आरएसआर नियम लागू होगा, जबकि वर्ष 2017 से राजमैस के अंतर्गत कार्यरत चिकित्सक शिक्षकों को डाइंग कैडर यानी मृत घोषित कर दिया, जबकि इन शिक्षकों के दम पर ही बीते 7 साल से ये मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। डॉ गोयल ने कहा कि हमारी मांग है कि राजमैस के अंतर्गत वर्ष 2017 से कार्यरत चिकित्सक शिक्षकों को भी इस नियम में शामिल किया जाए। यह हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ है। इन चिकित्सक शिक्षकों का भविष्य भी राजस्थान सरकार के हाथों में है, यदि सरकार इनको आरएसआर नियमों में शामिल नहीं करेगी तो प्रदेशभर में हड़ताल पर जाना पड़ेगा।।
भरतपुर से हेमंत दुबे