कोरबा जिला के ग्राम मलगांव में हुई करोड़ों के मुआवजा घोटाले के उजागर होते ही हुए जानलेवा हमला, घटना एक माह पूर्व, मगर कार्यवाही के लिए तड़प रहा पीड़ित

चित्रलेखा श्रीवास की रिपोर्ट

कोरबा जिला के ग्राम मलगांव में हुई करोड़ों के मुआवजा घोटाले के उजागर होते ही हुए जानलेवा हमला, घटना एक माह पूर्व, मगर कार्यवाही के लिए तड़प रहा पीड़ित

 

कोरबा //छत्तीसगढ़ के ऊर्जाधानी कोरबा जिला के अंतर्गत आने वाले ग्राम मलगांव जो कि एसईसीएल अधिग्रहित क्षेत्र है। जिसे एसईसीएल दीपका ने अधिग्रहित किया है। जिनका मुआवजा भी बनकर तैयार हो चुका था। किंतु इसी बीच तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी कटघोरा के स्थानतरण के पश्चात् कटघोरा में एक महिला अनुविभागीय अधिकारी का आगमन होता है। श्यामू जायसवाल, ओमप्रकाश जायसवाल, गुलशन जायसवाल, हीरामणि जायसवाल और मनोज गोभिल ने महिला अनुविभागीय अधिकारी कटघोरा के साथ मिलकर कुछ लोगों ने पूरे गांव के बने मुआवजा को लगभग 5 करोड़ रूपिए को कटवाकर अपने निजी पारिवारिक संबंधियों के नाम कूट रचित ढंग से कर लिया गया। और ग्राम वासियों का कहना है कि जिन व्यक्तियों के नाम मुआवजा को डाला गया उन व्यक्तियों की ग्राम मलगांव में किसी भी प्रकार का संबंध नहीं है/मलगांव निवासी नहीं हैं। उक्त रकम की फर्जी मुआवजा का जब ग्राम वासियों को खबर लगी तब तक मुआवजा को बंदरबाट कर लिया गया। जिसे ग्राम के पंच जवाहर सिंह चौहान को भी मालूम हुई और उन्होंने इनके सभी फर्जी कार्यों की बहिखाताओं को एकत्रित कर जिला कलेक्टर व रायपुर मंत्रालय सभी जगहों को इसकी सूचना दी। जिस बात को लोग अपनी रंजिशों में शामिल कर जवाहर सिंह चौहान जो कि एक पैर से लकवाग्रस्त है उसे गांव के ही संतराम चौहान ने दिनांक 26/10/2024 दिन शनिवार को अपने साथियों सहित भरे बाजार में घेर कर जवाहर सिंह का दूसरा पैर जो सही था उसे भी तोड़ दिया। इस बात को हरदीबाजार चौकी में रिपोर्ट दर्ज हुए एक माह हो गया, मगर किसी प्रकार से कोई कार्यवाही नहीं किया गया। जवाहर सिंह दुखी और असहाय होकर आज दिनांक 11/12/2024 को पुलिस अधीक्षक से मिलने और शिकायत की छायाप्रति लेकर पहुंचा जिसे देखकर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने त्वरित कार्यवाही होने के आश्वासन दिए।
जवाहर सिंह का कहना है कि अगर सत्य को उजागर करना कोई पाप है तो आज असत्य की जीत होगी। अपराधियों को सजा हो और त्वरित कार्यवाही करने के लिए पुलिस अधीक्षक से अनुरोध भी किया।

यह एक सोचनीय विषय है उन फर्जी कर्ताओं के इतने हौसले बुलंद हो गए हैं कि अब जानलेवा हमले भी खुलेआम करवाकर आज़ाद घूम रहे हैं। देखना यह है कि पुलिस अधीक्षक के आदेश पर क्या कार्यवाही की जाती है।

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