भू-जल स्रोत नहीं और बना दी पानी टंकी

चित्रलेखा श्रीवास की रिपोर्ट

भू-जल स्रोत नहीं और बना दी पानी टंकी

* 573 ग्रामो में सिंगल फेस में काम शुरू करने 804 करोड़ रूपए मंजूर

* पाइप बिछा घरों में दे दिया नल कनेक्शन

 

कोरबा//कोरबा जिले में जल जीवन मिशन का काम शुरू हुए लगभग 5 साल गुजर गए। 703 ग्रामो में से 85 में ही पानी आपूर्ति का दावा किया जा रहा है, परन्तु हकीकत में भू-जल स्त्रोत की कमी के कारण अधिकांश ग्रामो में पानी आपूर्ति शुरू नहीं हो पाई। बिना पानी के ही टंकियां बना दी गई। पाइप लाइन बिछाकर नल कनेक्शन भी दे दिया गया, जहा आपूर्ति शुरू हुई वहां भी सभी घरों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है।
पीएचई ने जल जीवन मिशन की शुरुआत वर्ष 2019 में शुरू की थी। जिसके अंतर्गत 703 ग्रामो में से 573 ग्रामो में सिंगल फेस में काम शुरू किया था। इसके लिए 804 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली है। इसके साथ ही 245 ग्राम मल्टी विलेज में शामिल है। इसके लिए एतमानगर जल आवर्धन योजना पर काम चल रहा है। यहां से पोड़ी-उपरोड़ा, कटघोरा और पाली ब्लॉक के ग्रामो में पानी आपूर्ति की जाएगी। इसकी लागत 668.85 करोड़ रूपए है। एतमानगर में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, इंटेकवेल के साथ ही पाइपलाइन के लिए 385 करोड़ का काम चल रहा है। इस योजना को बनाने का सबसे बड़ा कारण ही भू-जल स्रोत है। परंतु ऐसा लग रहा हैं की यहां बिना योजना के ही काम किया गया है।
* जहां हैं पुरानी योजनाएं वहां काम शुरू ही नहीं
बताया जा रहा हैं की ग्रामो में इतना पानी नहीं कि टंकी भरने के पश्चात पानी की आपूर्ति की जा सके, लेकिन जहां सिंगल फेस योजना पर काम शुरू किया, वहां भी यही समस्या है। अभी इन ग्रामो में भी पानी टंकी बनाने व पाइपलाइन बिछा नल कनेक्शन देने का काम भी चल रहा है। कोरबा और करतला ब्लॉक के ग्राम सिंगल फेस में है। जहां पुरानी योजनाएं हैं, वहां भी काम शुरू नहीं हो पाया है। अभी योजना का समय भी वर्ष 2028 कर दिया गया है। पहले यह दिसंबर 2024 तक था। 498 के करीब पारा, टोले और मोहल्ले हैं। यहां सौर ऊर्जा पर आधारित पंप लगा रहे हैं। काम क्रेडा को दिया गया है।
* ग्राम अजगरबहार में पानी टंकी बने हो गए लगभग एक साल-जल आपूर्ति नहीं हुई शुरू
ग्राम अजगरबहार में पानी टंकी बने लगभग एक साल हो गए हैं, पर अब तक पानी आपूर्ति शुरू नहीं हुई है। बताया जा रहा हैं की कई घरों में नल कनेक्शन नहीं लगाए गए हैं। पानी आपूर्ति कब होगी, कोई बताने वाला नहीं है।
* ग्राम अमलडीहा में लगभग डेढ़ साल बाद भी नलों में नहीं आया जल
करतला ब्लॉक की अमलडीहा पंचायत और उसके आश्रित गर्म नवापारा में लगभग डेढ़ साल बाद भी पानी आपूर्ति शुरू नहीं हुई। पाइपलाइन के साथ नल कनेक्शन भी दिए हैं। एक ग्रामीण ने बताया कि हैंडपंप में पंप लगाया था, लेकिन टंकी तक पानी नहीं पहुंचा।
* ग्राम सुखरीकला में टेस्टिंग होने के बाद भी शुरू नहीं हुई पानी आपूर्ति
करतला ब्लॉक के ग्राम पंचायत सुखरीकला में टेस्टिंग होने के बाद पानी आपूर्ति शुरू ही नहीं हुई। यहां घरों में नल तो लगाए गए हैं। एक ग्रामीण ने बताया कि बीच में पंप चोरी हो गया था। इसके बाद योजना शुरू ही नहीं की गई।
* 245 गांवों में पानी पहुंचाने लगेंगेसालभर
एतमानगर समूह जलप्रदाय योजना से 245 ग्राम में पानी आपूर्ति होनी है, लेकिन इसका काम अब तक 50 प्रतिशत ही हो पाया है। इसमें कम से कम अभी 1 साल का समय और लगेगा। पाइपलाइन बिछाने वन विभाग, एनएचएआई, नेशनल हाईवे से भी अनुमति लेनी पड़ रही है। इसमें भी समय लग रहा है।
* ग्राम चोटिया अंतर्गत 17 ग्रामो में नहीं पहुंच रहा पानी
पोड़ी-उपरोड़ा के फ्लोरइड प्रभावित 17 ग्रामो के लिए 32 करोड़ खर्च कर चोटिया जलावर्धन योजना बनाई गयी है, लेकिन पाइ‌पलाइन खराब होने से अंतिम छोर के ग्रामो में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। लगभग 20 हजार आबादी पुराने स्रोतों से पानी ले रही है। झिनपुरी की पानी टंकी सूखी पड़ी है। बांगो बांध का जलस्तर कम होने से भी पानी नहीं खींच पा रहे हैं।
* पाइपलाइन बिछाकर काम छोड़ रहे ठेकेदार
जल जीवन मिशन में 1 लाख 97 हजार 798 नल कनेक्शन लगाने का लक्ष्य है। इनमें 90 हजार नल कनेक्शन लगे हैं। इससे पाइपलाइन बिछाने के बाद ठेकेदार नल कनेक्शन लगाकर छोड़ देते हैं। एक से डेढ़ साल बाद भी नल में पानी नहीं आ रहा है। कितने घरों में पानी पहुंच रहा है, इसका भी अब तक कोई रिकॉर्ड नहीं है।
इस पर रमन उरांव, ईई पीएचई ने कहा हैं की भू-जल स्रोत की समस्या का समाधान कर रहे हैं, अभी 1 साल का समय लगेगा। पाइपलाइन बिछाने का काम चल रहा है। भू-जल स्रोत के कारण समस्या आई है। उसका समाधान कर रहे हैं।

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