हिन्दू पंचांग के अनुसार मां दुर्गा का विसर्जन आश्विन शुक्ल दशमी को किया जाता है l नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि में मां दुर्गा को खुश करने के लिए उनके भक्त पूरे नौ दिनों तक व्रत रखते हैं. शारदीय नवरात्रि के मौके पर दुर्गा प्रतिमाएं पंडालों में स्थापित की जाती हैं और फिर उन्हें दशहरा के बाद विसर्जित कर दिया जाता है. वहीं बंगाल में दुर्गा विसर्जन के बाद महिलाएं सिन्दूर का खेल खेलती हैं l विसर्जन के दिन मां दुर्गा अपने आध्यात्मिक निवास कैलाश पर्वत पर वापस लौटती हैं. इसी कारण से मां दुर्गा के भक्तों के लिए इस दिन का आध्यात्मिक महत्व है. इस दिन कई व्यक्ति अपने उपवास का पारण करते हैं.
दुर्गा विसर्जन के दिन भक्त माता के मस्तक पर सिन्दूर लगाकर उनकी पूजा कर आरती उतारते हैं. इसके पश्चात मां दुर्गा की प्रतिमा की सज्जा कर जुलूस के साथ विसर्जन के लिए नदी तक ले जाया जाता है. इस जुलूस में हजारों की संख्या में श्रद्धालू परंपरागत गीतों पर नृत्य करते हैं. हालांकि कोरोना के चलते इस पर रोक लगाई गई है. वही इटारसी शहर के देवल मंदिर काली समिति की भव्य प्रतिमा मां कालिका की मूर्ति को रात 3:00 बजे गाजे बाजे एवं ढोल धमाकों के साथ धूमधाम से ले जाकर विसर्जित किया गया इस मौके पर शासन प्रशासन पुलिस बल बहुत सावधानी बरत रहा था की मूर्ति विसर्जन में कोई भी हानि ना हो इसके लिए प्रशासन का जनता ने धन्यवाद किया l R9. भारत/ जिला ब्यूरो /होशंगाबाद/ मध्यप्रदेश /योगेश राजभर