कोर क्षेत्र के ग्रामीणों से वन विभाग ने की “वन” सभा— विस्थापन संबंधी अफवाहों का विभाग द्वारा खंडन
नव गठित धौलपुर–करौली टाइगर रिज़र्व के गठन के पश्चात ग्राम विस्थापन को लेकर कुछ क्षेत्रों में फैली विभिन्न प्रकार की अफवाहों एवं भ्रांतियों का खंडन करने हेतु उप वन संरक्षक डॉ. आशीष व्यास द्वारा कोर क्षेत्र के ग्राम झिरी, भमपुरा, गिरोनिया, शंकरपुरा, खिलाडांडा, रिछरा आदि ग्रामों के ग्रामीणों से विस्तृत संवाद स्थापित किया गया।

डॉ. व्यास ने ग्रामीणों को स्पष्ट रूप से अवगत कराया कि—
🔸 कोर क्षेत्र में विस्थापन पूर्णतः स्वैच्छिक होगा
🔸 बफर क्षेत्र के किसी भी गाँव का विस्थापन नहीं होगा
विस्थापन की प्रक्रिया केवल उन्हीं ग्रामों में लागू हो सकती है जो कोर क्षेत्र में स्थित हैं। वह भी तभी, जब ग्रामवासी स्वयं अपनी स्वेच्छा से विस्थापित होने की इच्छा व्यक्त करें। एवं वीिभाग द्वारा किसी भी प्रकार की बलपूर्वक, दबावपूर्वक या अनिच्छा के विरुद्ध विस्थापन की कार्रवाई नहीं की जाएगी।
राज्य सरकार के पुनर्वास पैकेज की जानकारी –
ग्रामवासियों को राज्य सरकार द्वारा निर्धारित नकद (Cash) पैकेज, तथा भूमि (Land) पैकेज के विकल्पों के बारे में विस्तार से बताया गया।
साथ ही ग्रामीणों को यह भी अवगत कराया गया कि वर्तमान में किसी भी गाँव के विस्थापन से संबंधित कोई भी प्रशासनिक प्रक्रिया प्रारम्भ नहीं की गई है।
इको-टूरिज्म एवं रोजगार संभावनाओं पर संवाद
उप वन संरक्षक ने ग्रामीणों को टाइगर रिज़र्व से भविष्य में सृजित होने वाले विविध रोजगार अवसरों—
इको-टूरिज़्म, स्थानीय नेचर गाइड्स, तथा पर्यटन आधारित सेवाओं—के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने क्षेत्र में उपलब्ध इको-टूरिज़्म क्षमता (Potential) को रेखांकित करते हुए बताया कि रिज़र्व के विकास से स्थानीय समुदायों के लिए नए रोज़गार मार्ग खुलेंगे। वार्ता के दौरान ग्रामीणों की समस्याओं एवं सुझावों को भी विभाग द्वारा गंभीरता से सुना गया।
रिज़र्व गठन की विधिक प्रक्रिया
वन विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि धौलपुर–करौली टाइगर रिज़र्व का गठन वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के अंतर्गत निर्धारित सभी विधिक प्रक्रियाओं का पूर्ण पालन करते हुए किया गया है। साथ ही यह भी बताया गया कि टाइगर रिज़र्व में पूर्व में अधिसूचित वन क्षेत्र को ही सम्मिलित किया गया है, तथा कोई भी अतिरिक्त नया क्षेत्र रिज़र्व में शामिल नहीं किया गया है।
रिज़र्व के गठन का उद्देश्य—
क्षेत्र की जैव विविधता का संरक्षण, मानव–वन्यजीव संघर्ष में कमी, एवं स्थानीय समुदायों के लिए रोज़गार और इको-टूरिज़्म के अवसरों में वृद्धि करना है।
वन विभाग की अपील
वन विभाग समस्त नागरिकों एवं स्थानीय समुदायों से अपील करता है कि—किसी भी प्रकार की भ्रामक सूचनाओं या अफवाहों पर विश्वास न करें, एवं किसी भी जानकारी, शंका या सुझाव के लिए अपने निकटतम वन अधिकारी, वन चौकी अथवा जिला प्रशासन से संपर्क करें।
वार्ता के दौरान चेतराम मीणा सहायक वन संरक्षक, श्री देवेंद्र चौहान क्षेत्रीय वन अधिकारी एवं वन विभाग का स्टाफ मौजूद रहा। ब्यूरो चीफ धौलपुर