जिला एवं सेशन न्यायाधीश अरुण कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में सभी न्यायिक अधिकारगणों, अधिवक्तागणों एवं कर्मचारीगणों ने न्यायालय परिसर धौलपुर में राष्ट्रीय विधि दिवस

धौलपुर

जिला एवं सेशन न्यायाधीश अरुण कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में सभी न्यायिक अधिकारगणों, अधिवक्तागणों एवं कर्मचारीगणों ने न्यायालय परिसर धौलपुर में राष्ट्रीय विधि दिवस/संविधान दिवस के अवसर पर भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वाचन करते हुए संविधान के प्रति निष्ठा एवं कर्तव्यों के पालन की प्रतिज्ञा ली साथ ही अध्यक्ष सुरेश प्रकाश भट्ट स्थायी लोक अदालत एवं सचिव रेखा यादव द्वारा राजकीय विधि महाविलालय में न्याय आपके द्वार अभियान के बारे में भी जानकारी दी।

माननीय राष्ट्रीय राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं माननीय राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) धौलपुर की अध्यक्षता में आज दिनांक 26.11.2025 को न्यायालय परिसर धौलपुर में भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसरं पर सभी न्यायिक अधिकारीगणों, अधिवक्
तागणों, कर्मचारीगणों ने सामूहिक रूप से संविधान की प्रस्तावना (हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न, समाजवादी, पंथ-निरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों कोः सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ईस्वी. (मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी) को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं) का वाचन करते हुए संविधान के प्रति निष्ठा एवं कर्तव्यों के पालन की प्रतिज्ञा ली।
इस अवसर पर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण धौलपुर रेखा यादव ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का दायित्व केवल गरीब, वंचित और जरूरतमंद वर्गों को निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करना ही नहीं, बल्कि संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति समाज को जागरूक करना भी है। संविधान की प्रस्तावना में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व हमारे कार्य की मूल प्रेरणा हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण निरंतर विधिक साक्षरता शिविर, नालसा एवं सालसा योजनाओं का क्रियान्वयन, लोक अदालतों तथा परामर्श सेवाओं के माध्यम से जनता तक न्याय की पहुंच सुनिश्चित करता रहा है और आगे भी करता रहेगा। संविधान दिवस हमें यह स्मरण कराता है कि न्याय व्यवस्था और संविधान तभी प्रभावी होते है जब नागरिक जागरूक, जिम्मेदार और संवेदनशील हों।
इस अवसर पर राजकीय विधि महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. योगेंद्र नारायण ने भारतीय संविधान दिवस के बारे में बताया कि संविधान नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा करता है तथा हमें समानता, स्वतंत्रता, न्याय एवं बंधुत्व के मूल्यों को जीवन में उतारने की प्रेरणा देता है। राष्ट्रीय विधि दिवस की शुरुआत 1979 में भारतीय विधि संस्थान और बार काउंसिल ऑफ इंडिया की सिफारिश पर इस दिन को राष्ट्रीय विधि दिवस के रूप में मनाना शुरू किया गया। इसका उद्देश्य था कि वकीलों, न्यायाधीशों और नागरिकों को संविधान और कानूनों के महत्व के बारे में जागरूक किया जाए।
इस अवसर पर ट्रेनी न्यायिक अधिकारीगणों ने बताया कि संविधान में हमें कुछ अधिकार मिले है जैसे समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार, और संवैधानिक उपचारों का अधिकार शामिल हैं। इसका उद्देश्य था कि वकीलों, न्यायाधीशों और नागरिकों को संविधान और कानूनों के महत्व के बारे में जागरूक किया जाए। संविधान दिवस का उद्देश्य-नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों जैसे समानता, स्वतंत्रता, बंधुत्व, और न्याय के प्रति जागरूकता बढ़ाना, संविधान के मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों की जानकारी देना, युवाओं को कानूनी साक्षरता के लिए प्रेरित करना, न्याय पालिका और विधिक संस्थाओं की भूमिका को समझना और सम्मान देना आदि है।
इस अवसर पर न्यायिक मजिस्ट्रेट सुश्री प्रीति नायक मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण धौलपुर ने बताया कि राष्ट्रीय विधि दिवस/संविधान दिवस भारत में 26 नवम्बर को हर वर्ष संविधान दिवस या राष्ट्रीय विधि दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारत के संविधान के निर्माण, उसके मूल्यों और विधिक व्यवस्था के महत्व को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन भारत की संविधान सभा ने भारत का संविधान अंगीकार किया था। संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ, जिस दिन हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं। संविधान दिवस हमें यह स्मरण कराता है कि न्याय व्यवस्था और संविधान तभी प्रभावी होते हैं जब नागरिक जागरूक, जिम्मेदार और संवेदनशील हों।
इस अवसर पर अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण धौलपुर अरुण कुमार अग्रवाल एवं सभी न्यायिक अधिकारीगणों ने सभी अधिवक्तागणों, कर्मचारीगणों को भारतीय संविधान दिवस की शुभकामनाएं दी।
साथ ही अध्यक्ष स्थाई लोक अदालत सुरेश प्रकाश भट्ट एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रेखा यादव ने विधि महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को बताया कि रालसा का तीन माह के विशेष अभियान दिनांक 10 नवबंर, 2025 से दिनांक 10. फरवरी, 2025 जारी है। जहां आमजन को लोक उपयोगी सेवाओं जैसे – बिजली, पानी, परिवहन, बैकिंग एवं बीमा, नगर निकाय, स्वास्थ्य सेवाएं, शैक्षिक/शैक्षणिक सेवाएं, आवास एवं भू-सम्पदा सेवाएं, एलपीजी सेवा आदि से जुडी शिकायतों की सुनवाई होती है। स्थायी लोक अदालत कैसे काम करती है- इसमें लंबे मुकदमे या जटिल साक्ष्य पेश करने की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें दोनों पक्षों के बीच सुलह से विवाद का समाधान किया जाता है एवं विपक्षी की अनुपस्थिति पर च्स्। द्वारा गुणावगुण पर आदेश करने का अधिकार है एवं उनका निर्णय अंतिम एवं बाध्यकारी होता है। निर्णय के खिलाफ किसी और अदालत में अपील नहीं की जा सकती। यह सरल, त्वरित एवं निर्णायक समाधान है। जिसका प्रार्थना पत्र रालसा के समर्पित मोबाईल नंबर 9119365734, पर सीधे व्हास्ट्एप पर प्रेषित कर सकते हैं आदि के बारे में उपस्थित विधि महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को जानकारी प्रदान की। ब्यूरो चीफ धौलपुर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


error: Content is protected !!