प्रदूषण की रोकथाम एक बड़ी चुनौती है
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मंगलवार को एएसपी स्थित सीपीटीआई सभागार में प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया।

इस अवसर पर पर्यावरण वैज्ञानिकों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदूषण नियंत्रण विश्व के लिए एक बड़ी चुनौती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एसपीसीबी के अपर मुख्य पर्यावरण वैज्ञानिक एवं क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. अनूप कुमार मलिक ने कहा कि 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी के बाद से, इस दिवस को मनाने के संदर्भ में, कार्यस्थलों पर प्रदूषण नियंत्रण और सुरक्षा पर ज़ोर दिया जाना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। दा मलिक ने आने वाले दिनों में विभिन्न कारखानों और कार्यस्थलों पर पर्यावरण और सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने और नियमों का पालन करने की सलाह दी। सीपीएएल एस इस कार्यक्रम में कई संगीतकार मौजूद थे। उन्होंने कहा कि सुरक्षित कार्यस्थल और हरित भविष्य की परिकल्पना सामूहिक प्रयासों से ही साकार हो सकती है। इस अवसर पर एएसपी खनन विभाग के कार्यकारी निदेशक इंजीनियर एम. पी. सिंह, एएसपीसीएल के मुख्य महाप्रबंधक एवं बीयूएच के. सत्यनारायण, कारखाना एवं बॉयलर विभाग के उप निदेशक विष्णु प्रसाद विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने कारखाना प्रतिनिधियों को पर्यावरण विज्ञान के विभिन्न उपायों और नियंत्रणों से अवगत कराया। अतिथियों ने कहा कि जन जागरूकता और मानसिकता में बदलाव लाकर कारखाना दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है और स्वच्छ पर्यावरण प्राप्त किया जा सकता है। इस अवसर पर आयोजित तकनीकी सत्र में महाप्रबंधक इंजीनियर प्रमोद चंद्र दाश, पर्यावरण अभियांत्रिकी विभाग, एएसपी, वरिष्ठ महाप्रबंधक सुरेश महापात्रा, नारायणपोशी आयरन एंड मैंगनीज माइंस, जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड, वरिष्ठ महाप्रबंधक विजय कुमार दाश, डालमिया भारत लिमिटेड और डीन एवं पूर्व छात्र अंतर्राष्ट्रीय संबंध प्रोफेसर एच. बी. साहू ने अपने संदर्भ प्रस्तुत किए। इस अवसर पर, पूर्व में आयोजित चित्रकला एवं भाषण प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रमाण पत्र एवं ट्रॉफी प्रदान की गईं। कार्यक्रम में डीईई इंजीनियर रमानी रंजन दाश, इंजीनियर रजत कुमार सेठी, डीईई सी.एस. चौहान, एईएस प्रज्ञा ज्योति साहबी, ओयसलानी बी.बी. महंत, स्वयंसेवक विवेकानंद दास उपस्थित थे। उप पर्यावरण अभियंता विजय कुमार भोई ने समारोह का संचालन किया। सहायक पर्यावरण वैज्ञानिक सौम्य रंजन प्रधान ने धन्यवाद ज्ञापन किया। विभिन्न कारखानों, खदानों, अस्पतालों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधि, छात्र, शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित थे।