
वन मानदंडों के उल्लंघन के कारण जेएसपीएल रोइडा लौह अयस्क खदान की कार्य अनुमति रद्द।
(बड़बिल-ओडिशा) गत जुलाई 2025 में रोईडा 1 ब्लॉक लौह अयस्क खान को जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड ने प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से खनन पट्टा हासिल किया था। पूर्व में उक्त
खनन पट्टा मिडईस्ट इंटीग्रेटेड स्टील लिमिटेड के बड़बिल के पास था। मानक प्रक्रिया के अनुसार रोइडा- 1 पट्टा क्षेत्र में परिचालन जारी रखने के लिए पूर्व पट्टेदार के सभी अधिकार, अनुमोदन और वैधानिक मंज़ूरियाँ कानूनी रूप से जेएसपीएल को प्रदान की गईं।
तदनुसार, जेएसपीएल रोइडा को खनन पट्टे की सीमाओं तक ही सीमित कार्य अनुमति प्रदान की गई। वहीं वन विभाग के संज्ञान में आया है कि जेएसपीएल रोइडा खान से खनिजों के परिवहन के लिए सिद्धमठ आरक्षित वन से होकर गुजरने वाली एक वन सड़क का उपयोग कर रहा है। उक्त सड़क का उपयोग पूर्व पट्टेदार द्वारा वन (संरक्षण) अधिनियम के तहत वन डायवर्जन मंज़ूरी प्राप्त किए बिना किया जा रहा था। यद्यपि पूर्व में एक डायवर्जन प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था, लेकिन शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया और वन मंज़ूरी (एफसी) प्रदान नहीं की गई। जेएसपीएल रोइडा ने वन भूमि डायवर्जन हेतु पूर्व अनुमोदन प्राप्त किए बिना खनिज परिवहन के लिए उसी सड़क का उपयोग जारी रखा है। हाल ही में डायवर्जन प्रक्रिया शुरू करने के बावजूद, अपेक्षित अनुमति के बिना सड़क का उपयोग वन संरक्षण अधिनियम और ओडिशा वन अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है। इसके जवाब में जेएसपीएल रोइडा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और रेंज अधिकारी बड़बिल और प्रभागीय वन अधिकारी क्योंझर द्वारा भौतिक निरीक्षण किया गया। डीएफओ धनराज एचडी ने बताया कि खनन पट्टेदार जेएसपीएल ने लागू कानूनों का उल्लंघन करते हुए रात के समय सहित, खनिज परिवहन के लिए सड़क का उपयोग जारी रखा।
परिणामस्वरूप, जेएसपीएल रोइडा के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता प्रमोद पात्रा के विरुद्ध वन प्रकरण संख्या 5 बीएल वर्ष 2025-26 दर्ज किया गया है और उक्त उल्लंघन के लिए सिद्धमठ वन क्षेत्र के अंदर दो वाहनों को जब्त किया गया है।
वन संरक्षण अधिनियम, 2023 और ओडिशा वन अधिनियम का लगातार उल्लंघन और गैर-अनुपालन के कारण, इस कार्यालय आदेश संख्या 305 दिनांक 30.07.2025 के तहत जेएसपीएल रोइडा को खनन पट्टा क्षेत्र में दी गई कार्य अनुमति रद्द कर दी गई है और मामले को आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए एकीकृत क्षेत्रीय कार्यालय भुवनेश्वर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) नोडल, खान निदेशक और जिला प्रशासन को औपचारिक रूप से सूचित कर दिया गया है।
इसके अतिरिक्त, जेएसपीएल रोइडा ने दिशानिर्देशों के अनुसार 1980 से पूर्व की 23 हेक्टेयर टूटी हुई भूमि के लिए सीए भूमि देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। हालाँकि उन्होंने दैनिक उत्पादन की अपनी मजबूरी का हवाला देते हुए पहले दिन से ही उत्पादन शुरू करने के लिए सभी संसाधन जुटाए। यह वन कानूनों और सतत खनन की पूर्ण अवहेलना है। इसी प्रकार, जेएसपीएल ने अपने देवझर पेलेटाइजेशन प्लांट में लगातार अनुस्मारक के बावजूद अभी तक साबिक वन भूमि (2015) का डायवर्जन नहीं किया है।
Report by:- Sajjad Alam R9 bharat Bureau chief.(Keonjhar-Odisha)