सचिव रेखा यादव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं ट्रेनी न्यायिक अधिकारीगणों के द्वारा अपना घर आश्रम बाडी में अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन किया
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं माननीय राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण धौलपुर के मार्गदर्शन में आज दिनांक 03.12.2025 को सचिव रेखा यादव एवं ट्रेनी न्यायिकअधिकारीगणों द्वारा अपना घर बाडी में अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन किया जिसमें सचिव रेखा यादव ने उपस्थित सभी प्रभुजनों को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस की शुभकामनाएं दी एवं बताया कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1992 में की गई थी। संयुक्त राष्ट्र ने इसे आधिकारिक रूप से घोषित किया ताकि दुनिया भर के देश दिव्यांग व्यक्तियों की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक भागीदारी को सुनिश्चित कर सकें। इस पहल के पीछे मुख्य उद्देश्य समाज में उनकी स्थिति को मजबूत करना और भेदभाव को समाप्त करना था। दिव्यांग व्यक्ति अक्सर शिक्षा, रोजगार और सार्वजनिक जीवन में समान अवसरों से वंचित रहे हैं। इसके मद्देनजर, अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस का महत्व केवल जागरूकता फैलाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह नीतिगत बदलावों और कानूनों को लागू करने की दिशा में भी एक प्रेरक शक्ति बन गया है साथ ही सचिव ने नालसा द्वारा वृद्धजनों एवं दिव्यांगजनों के लिए नालसा (वरिष्ठ नागरिकों के लिए विधिक सेवाएं) योजना 2016 एवं नालसा (मानसिक रूप से बीमार व बौद्धिक रूप से असक्षम व्यक्तियों को विधिक सेवाएं) स्कीम 2024 के बारे में जानकारी दी साथ ही दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 जिसमें दिव्यांगजनों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सम्मानजनक जीवन, भेदभाव से सुरक्षा, सार्वजनिक स्थानों पर सुगमता एवं न्याय प्राप्ति का अधिकार प्रदान करता है। सचिव रेखा यादव ने बताया कि वृद्धजनों एवं दिव्यांगजनों के कानूनी अधिकार जैसे नालसा टोल फ्री नं. 15100 एवं निःशुल्क विधिक सहायता जैसेः वकील उपलब्ध कराना मुकदमे दायर करने में सहायता शिकायत एवं आवेदन लिखवाना कानूनी जानकारी एवं परामर्श 60 वर्ष से अधिक आयु वाले सभी व्यक्ति निःशुल्क कानूनी सहायता पाने के पात्र हैं। भरण-पोषण का अधिकार वृद्धजन भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007 के तहतः माता-पिता/वृद्धजन अपने बच्चों, पोते-पोतियों, या जिम्मेदार रिश्तेदारों से भरण-पोषण की मांग कर सकते हैं। यह प्रक्रिया तेज़ और सरल है इसके अलावा, दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 और हिंदू दत्तक और भरण-पोषण अधिनियम, 1956 जैसे अन्य कानून भी हैं, जो विभिन्न परिस्थितियों में भरण-पोषण प्रदान करते हैं। संपत्ति पर अधिकार कोई भी व्यक्ति वृद्धजन को उनकी अपनी संपत्ति से बलपूर्वक बेदखल नहीं कर सकता। यदि वृद्धजन ने किसी को संपत्ति उपहार में दी और वह उनकी देखभाल न करे तो उपहार रद्द कराया जा सकता है। अभद्र व्यवहार, हिंसा व शोषण से सुरक्षा किसी भी प्रकार की शारीरिक, मानसिक, आर्थिक या भावनात्मक हिंसा से वृद्धजनों की सुरक्षा के लिए कानून उपलब्ध हैं। घरेलू हिंसा, मारपीट, धमकी, संपत्ति हड़पना, पैसा छीनना आदि अपराध हैं। ऐसे मामलों में पुलिस, वन स्टॉप सेंटर नालसा और डालसा सहायता प्रदान करते हैं आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
अन्त में सचिव रेखा यादव ने सभी नागरिकों से अपील की कि दिव्यांगजन समाज का अभिन्न हिस्सा हैं और हमें मिलकर उनके लिए समान अवसर, सम्मान और सहयोगपूर्ण वातावरण सुनिश्चित करना चाहिए। संवाददाता ब्यूरो चीफ धौलपुर