भारत तिब्बत सहयोग मंच का दो दिवसीय तिब्बत कैलाश मानसरोवर मुक्ति जन सम्मेलन लखनऊ में सम्पन्न हुआ।

भारत तिब्बत सहयोग मंच का दो दिवसीय तिब्बत कैलाश मानसरोवर मुक्ति जन सम्मेलन लखनऊ में सम्पन्न हुआ।

भारत तिब्बत सहयोग मंच का दो दिवसीय तिब्बत कैलाश मानसरोवर मुक्ति जन सम्मेलन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं मंच के मार्गदर्शक माननीय डॉ इंद्रेश कुमार जी के मार्गदर्शन में तहजीब की नगरी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर भारत तिब्बत सहयोग मंच जयपुर प्रान्त युवा विभाग का नेतृत्व कर रहे धौलपुर जिले के निवासी प्रान्त अध्यक्ष महेन्द्र दुबे ने बताया कि मंच के संस्थापक आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार जी ,लखनऊ की महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया जी,राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष हरजीत सिंह ग्रेवाल जी,अरुणाचल प्रदेश से पूर्व सांसद आर के ख़िरमे जी ,कर्नाटक के पूर्व मंत्री ,ब्रिगेडियर श्री प्रसाद जी,मंच के राष्ट्रीय महामंत्री पंकज गोयल,महाराष्ट्र से पूर्व विधायक नरसिंग मेंगजी,स्वामी दिव्यानंद जी महाराज व अन्य विधायक एवं मंत्रीगणों की उपस्थिति में दीप प्रज्वलन कर किया जनसम्मेलन का शुभारंभ किया।
मंच के संस्थापक इन्द्रेश कुमार ने कहा कि दुनिया के कई प्रभावशाली देशो ने अन्य देशों को अपने में मिलाकर मजबूत बनाने का काम किया है किंतु भारत ऐसा देश है जिसने अपने क्षेत्रफल में से अन्य देशों को जन्म देने का काम किया।
एक तरफ चीन ऐसा देश है जिसने जबरन तिब्बत पर कब्ज़ा किया वहीँ दूसरी तरफ भारत तिब्बत की आज़ादी के लिए पूरे विश्व में जन जागरण का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि सदियों से भारतीय संस्कृति में सद्भाव की परंपरा रही है।
63 साल पहले 1959 में परम पावन दलाई लामा जी अपने समर्थकों के साथ भारत आये और भारत ने उन्हें शरण देने का काम किया। चीन ने 12 लाख तिब्बतियों का कत्लेआम कर वहाँ की सभ्यता एवं संस्कृति को बर्बाद करने का काम किया है। जब कि सच्चाई तो यह है तिब्बत कभी चीन का हिस्सा था ही नही।
भारत तिब्बत सहयोग मंच के कार्यकर्ता तिब्बत की आज़ादी के लिए लगातार संघर्ष करते रहेंगे। एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब चीन के खूनी चंगुल से तिब्बत आज़ाद होगा और तिब्बत की आज़ादी के साथ चीन के कब्जे से कैलाश मानसरोवर भी मुक्त हो जाएगा।

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