समस्तीपुर/बिहार
लोकेशन:- समस्तीपुर
स्लग:-
कामरेड पूर्व विधायक रामदेव वर्मा का निधन
सभी दलों के नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
खबर समस्तीपुर से जहाँ बिहार के दिग्गज कम्युनिस्ट नेता कॉमरेड रामदेव वर्मा का रविवार देर शाम पटना में निधन हो गया। वे कैंसर से पिछले कई वर्षों से पीड़ित थे। पटना स्थित अपने आवास के पास ही हॉस्पिटल में उन्होंने आखिरी सांस ली। माकपा में रहते हुए समस्तीपुर के विभूतिपुर से वे 7 बार विधानसभा सदस्य चुने गए थे। वे लालूजी के सरकार में लोक लेखा समिति के अध्यक्ष भी थे। पिछले दिनों उन्होंने अपनी पत्नी, पूर्व विधायक कॉमरेड मंजू प्रकाश व सैकड़ों वामपंथी कार्यकर्ताओं के साथ भाकपा–माले की सदस्यता ग्रहण की थी। बीमारी की स्थिति में भी वे माले में सक्रिय थे। हाल ही में माले के गया राज्य सम्मेलन से उन्हें राज्य कमिटी के आमंत्रित सदस्य चुना गया था।
भाकपा माले राज्य कार्यालय पटना में श्रद्धांजलि सभा के उपरांत पोलिट ब्यूरो सदस्य कॉमरेड धीरेंद्र झा, उनकी पत्नी सह माले राज्य कमिटी सदस्य कॉमरेड मंजू प्रकाश आदि के नेतृत्व में निकली शवयात्रा।कामरेड पूर्व विधायक रामदेव वर्मा का निधन पर सभी दलों के नेताओं ने दी श्रद्धांजलि। अगर बात करें रामदेव वर्मा राजेंदर कॉलेज छपरा से अपनी पढ़ाई समाप्त करने के बाद 1969 में गाँव पतेलिया लौट कर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)की सदस्यता प्राप्त कर सामन्ती जुल्म के खिलाफ संघर्ष में शामिल हो गए। जल्द ही बिभूतिपुर के नेतृत्वकारी भूमिका की जिम्मेदारी निभाने लगे। 1978 में पतैलिया पंचायत से सीपीआई एम की ओर से मुखिया पद के लिए चुनाव लड़े, चुनाव जीते। उसके बाद 1980 में बिभूतिपुर विधानसभा से पार्टी ने उम्मीदवार बनाया गया और चुनाव जीते।1985 में मामूली वोट के अंतर से चुनाव हार गए।पुनः1990-1995-2000-2005-2010 में चुनाव में लगातार चुनाव जीतते रहे। कुल 26 बर्ष विधायक रहे, क्योंकि 2005 में दो बार चुनाव हुआ और दोनों बार जीते थे। सीपीआई एम की ओर से तीन बार लोकसभा के उम्मीदवार बनकर चुनाव लड़े सम्मान जनक वोट प्राप्त किये।मुखिया से लोकसभा तक कुल सीपीआई एम की ओर से 12 बार उम्मीदवार बनाये गये। उन्होंने हमेशा गरीब किसान मजदूरों भूमहीनों की आवाज सदन में मजबूती से उठते रहे।पार्टी संगठन व जंसगठन को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण काम किया था। सामन्ती जुल्म की घटना व सामाजिक न्याय के बड़े पैरोकार थे। हमेशा गरीबों भूमिहिनों के सवालों पर संघर्षों का नेतृत्व करते रहते थे। इस कारण सीपीआईएम राज्य सचिव मण्डल के सदस्य रहे, जनसंगठन के राज्य अध्यक्ष रहे। उन्होंने अपने जीवन मे बिहार के बंटवारा का सबाल सहित दो तीन पुस्तक भी लिखे। कॉमरेड वर्मा एक प्रखर बक्ता, संगठनकर्त्ता व संघर्ष के नेता थे। दिनांक 22 मई 2022 को करीब 10 बजे रात्रि में पटना में निधन हो गया। उनकी उम्र लगभग 81बर्ष थी। वे सम्भवतःदो साल से कैंसर से पीड़ित थे। अपने पीछे जीवनसाथी पूर्व विधायक कॉमरेड मंजू प्रकाश और एकलौता संतान रोहित एवं पुत्रबधू को छोड़ गए। उनके निधन से बिहार के कम्युनिस्ट आंदोलन को अपूर्णीय क्षति हुई है। मैं उनके स्मृति को सिद्दत से याद करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। सभी दलों के नेताओं में इनके निधन से गहरा दुख हुआ है ,संवेदना व्यक्त करने वालों में स्थानीय विधायक सह प्रदेश प्रवक्ता अख्तरुल इस्लाम शाहीन, प्रेम प्रकाश शर्मा, राजद जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सहनी, ज़िला राजद प्रवक्ता राकेश कुमार ठाकुर, कांग्रेश जिलाध्यक्ष अबु तमीम, जदयू जिलाध्यक्ष अश्वमेघ देवी, भाजपा जिलाध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, माले नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह, ऐपवा नेत्री वंदना सिंह, उमेश प्रसाद सिंह, फैजुर रहमान फ़ैज़, ललितेश्वर प्रसाद उर्फ ललन यादव, रौशन यादव आदि ने श्रदांजलि अर्पित की।
समस्तीपुर से R9 भारत के लिए रत्न शंकर भारद्वाज की रिपोर्ट