घोड़ाडोंगरी में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में इकट्ठा हुआ आदिवासी समाज

धर्मांतरित आदिवासी से वापस लेंगे सारे अधिकार एवं आरक्षण-एकजुट हुआ आदिवासी समाज !

REPOTER BY – इदरीश विरानी

दामजीपुरा/घोड़ाडोंगरी में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में इकट्ठा हुआ आदिवासी समाज

धर्मातरित व्यक्ति को अनुसूचित जाति से बाहर करने की भरी हुंकार एवं अनु. 342 मे संसोधन कर धार्मिक प्रतिबंध कि मांग भी की गई

संस्कृति और स्वाभिमान को बचाए रखने के लिए हुए एकजूट

बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी के
विकास खंड मे हजारो की संख्या मे आदीवासीयो ने धर्मातरण के विरोध मे एकत्रित होकर नगर मे रैली निकाली और धर्मातरित व्यक्तियो को अनुसूचित जनजाति की सूचि से बाहर करने का अहवाहन सरकार से किया और इसके लिए चाहे आदिवासी समाज को भले ही किसी भी हद तक जाना पडे अब पीछे नही हटने का संकल्प आदिवासीयो द्वारा लिया गया।

 

घोड़ाडोंगरी मैं
हजारो की सख्या मे आदिवासी समाज इक्ठा हुआ और विषाल रैली निकाली।
रैली के पूर्व उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यवक्ता के रूप मे श्रीडॉ महेंद्र सिंह चौहान, श्री कैलाश निनामा , कालू सिंह मुजाल्दा उपस्थित थे ।

 

क्रमशः गोंडी ,कोरकू एवं हिंदी भाषा में कहा गया कि धर्मांतरण से हमारी संस्कृति को तो खतरा है ही साथ ही इससे हमारे बच्चों का हक भी मारा जा रहा है। अपनी संस्कृति, आस्था, परंपरा को त्याग कर ईसाई या मुसलमान बन चुके लोग 80 प्रतिशत लाभ जनजाति समुदाय से छीन रहे हैं। धर्मांतरित होकर लोग दोहरा फायदा उठा रहे हैं। ऐसे सभी लोगों को जनजाति की सूची से हटाने की मांग को लेकर स्वर्गीय कार्तिक उरांव ने पहली बार 1966-67 में 235 सांसदों के हस्ताक्षर से युक्त ज्ञापन तत्कालीन प्रधानमंत्री को दिया था। श्री उरांव ने पुन: इस मुद्दे को 1970 में उठाया। उस समय 348 सांसदों ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। किंतु इतने प्रबल समर्थन के बाद भी इस मुद्दे पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जनजाति सुरक्षा मंच इस मांग को लेकर लगातार पूरे देश में जनजागरण अभियान चला रहा है। सुरक्षा मंच ने पूर्व में भी सन 2009 में देशभर से 28 लाख लोगों का हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन तत्कालीन राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल को सौंपा था, लेकिन तब भी इस समस्या के निदान हेतु कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसका मुख्य कारण था कि उस समय जनता अपने हक के लिए जागरुक नहीं थी, लेकिन आज जनजाति सुरक्षा मंच लोगों में चेतना लाने के लिए समाज के लोगों को प्रेरित कर रहा है।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से श्री कालुसिंह मुजाल्दा (मध्य भारत जनजाति सुरक्षा मंच संयोजक ), श्री कैलाश निनामा (मध्यप्रदेश जनजाति सुरक्षा मंच संयोजक ), डॉ महेंद्र सिंह चौहान जनजाति सुरक्षा मंच जिला संयोजक बेतूल, श्री छोटु सिह उइके(बैतुलजिलास-हसंयोजक )श्री अरविंद धुर्वे घोड़ाडोंगरी विकासखंड संयोजक,एवं समाज के भूमका इंदल भागत, भूमका गन्नू भगत, भूमका मदन चौहान, भूमका आजूलाल परते, भूमका सुरजु उइके, भूमका किरण उइके, भूमका बली भगत, 1930 के बंजारी डाल जंगल सत्याग्रह के परिवार के श्री शम्भुलाल बास्कर ( स्वतंत्रता सेनानी स्व श्री खनक सिंह बारस्कर के पुत्र ), श्री मुन्नालाल मरसकोले ( स्वतंत्रा सेनानी स्व चुन्नी लाल मरस्कोले के पुत्र ), श्री विजय उइके ( स्वतंत्रता सेनानी स्व श्री विश्नुसिंह गोंड के पौत्र ) मंच पे थे।

 

जनपद सदस्य एवं सामाजिक बंधु उपस्थित रहे।

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