महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर पितृमोक्ष श्री शिवमहापुराण कथा का समापन हुआ

महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर पितृमोक्ष श्री शिवमहापुराण कथा का समापन हुआ

शिव महापुराण कथा का पूर्णाहुति के साथ समापन

श्री दादाजी धूनीवाले के दरबार में हुई पितृमोक्ष श्री शिवपुराण

महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर
शिवमहापुराण में रोजाना संस्कृत में 24000 श्लोकों का मूल पाठ एवं पार्थिक रूद्र निर्माण एवं अभिषेक नौ दिवसीय तक चलता रहा

संवाददाता इदरीश विरानी

संगीतमय श्री पितृमोक्ष शिवमहापुराण कथा का आज अंतिम दिन में भैंसदेही ब्लाक के ग्राम पाडली में आयोजित शिवपुराण कथा का समापन 19 फरवरी दिन रविवार को पूर्णाहुति के साथ हुआ। शिवपुराण के कथा वाचक पंडित श्री शिवम कृष्ण बुधौलिया नर्मदा पुत्र श्री धाम वृंदावन की मधुर वाणी से भक्ति ज्ञान यज्ञ संपन्ना किया गया है जिसमें बड़ी संख्या में नगर की महिलाएं व पुरुष शामिल हुए।
आयोजक कर्ता शिवप्रसाद तुलाराम पटेल राठौर दिलीप जी संदीप जी राठौर कथा स्थल श्री दादाजी दरबार पाडली
कथा वाचक पंडित श्री शिवम कृष्ण बुधौलिया ने अंतिम दिन की कथा सुनाते हुए भक्तों से कहा कि शिव के महात्मय से ओत-प्रोत यह पुराण पित्र मोक्ष श्री शिव महापुराण के नाम से प्रसिद्ध है। भगवान शिव पापों का नाश करने वाले देव हैं तथा बड़े सरल स्वभाव के हैं। इनका एक नाम भोला भी है। अपने नाम के अनुसार ही बड़े भोले-भाले एवं शीघ्र ही प्रसन्ना होकर भक्तों को मनवाँछित फल देने वाले हैं। कथावाचक पंडित बुधौलिया ने श्रद्धालुओं से कहा कि धार्मिक आयोजनों में भावनाएं होनी जरूरी है। सगुण, साकार सूर्य, चंद्रमा, जल, पृथ्वी, वायु यह एक शिव पुराण का स्वरूप हैं। उन्होंने कहा कि अपने चारों ओर सदैव वातावरण शुद्ध रखें। जहां स्वच्छता और शांति होती है, वहां देवताओं का वास होता है। जल,वायु, पेड़ एक चेतन से लेकर जड़ चेतन में आकर एक-दूसरे के सहायक बनते हैं। जहां अधार्मिकता बढ़ जाती है और कर्म को भूल जाते हैं, वहां शिव और शक्ति दोनों नहीं होते।शिव की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान शिव ही मनुष्य को सांसारिक बन्धनों से मुक्त कर सकते हैं, शिव की भक्ति से सुख व समृद्धि प्राप्त की जा सकती है। कहा कि इस अलौकिक पितमोक्ष श्री शिवपुराण की कथा सुनना अर्थात पितरों के मोक्ष के लिए आयोजित शिव महापुराण में कथा को सुनने के लिए सैकड़ों की संख्या में भक्त पहुचे।
नौ दिवसीय पित्र मोक्ष श्री शिव महापुराण संगीत में कथा में रोजाना 24020 लोगों का मूल पाठ किया गया एवं रोजाना पार्थिक रूद्र निर्माण एवं अभिषेक किया गया इस संगीतमय श्री शिव महापुराण मैं रोजाना भक्तों ने कथा का पूरा आनंद उठाया
कथा सार सुनकर श्रोता झूम उठे।पूर्णाहुति के पूर्व शिवपुराण के कथा वाचक पंडित श्री शिवम जी ने शिव महापुराण कथा का सार बताया कथा के सुन्दर मधुर वाणी से प्रसंग को सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए। पण्डित श्री शिवम कृष्ण बुधौलिया के सानिध्य में संपन्ना किया गया है जिसमें बड़ी संख्या में दादा जी के भक्तों के द्वारा विशाल भंडारा का आयोजन किया जिसमें नगर की महिलाएं व पुरुष बच्चे बुजुर्ग माता बहने शामिल हुए

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