Riport By-कोक सिंह रघुवंशी
विदिशा जिले के गंजबासौदा मैं मृत्यु के देवता यमराज जी के दसवें स्थापना दिवस पर बर्री घाट रोड स्थित मंदिर पर पंडित निर्दोष महाराज, नरेश शास्त्री और हेमंत व्यास द्वारा पूजा अर्चना हवन आरती के साथ कायस्थ समाज के अभिनय श्रीवास्तव द्वारा भगवान यमराज और चित्रगुप्त जी की विशेष पूजा अर्चना संपन कराई गई इस अवसर पर पंडित निर्दोष महाराज ने पूजा अर्चना कराते हुए बताया कि यमराज हिन्दू धर्म के अनुसार मृत्यु के देवता हैं। इनका उल्लेख वेद में भी आता है। इनकी जुड़वां बहन यमुना (यमी) है। यमराज, महिषवाहन (भैंसे पर सवार) दण्डधर हैं। वे जीवों के शुभाशुभ कर्मों के निर्णायक हैं। वे परम भागवत, बारह भागवताचार्यों में हैं। यमराज दक्षिण दिशा के दिक् पाल कहे जाते हैं और मृत्यु के देवता माने जाते हैं। यमराज के सलाहकार भगवान चित्रगुप्त जी है को सभी प्राणियों के अच्छे बुरे कर्मो का लेखा जोखा यमराज जी के समक्ष प्रस्तुत करते है। हम क्या सोच रहे है मन में हमारे क्या विचार चल रहा है यह सब बाते प्रत्येक पुरुष और स्त्री के कंधे पर विराजमान श्रवण और श्रवेंद्रीया चित्रगुप्त जी को बताती है। और जब प्राणी की मृत्यु होती है और चौदहवे दिन उसकी यमराज जी के समक्ष पेसी होती है तो चित्रगुप्त जी यह सब लेखा जोखा यमराज जी के समक्ष प्रस्तुत करते है और यमराज जी उसके कर्मो के हिसाब से उसको सजा सुनाते है तो सभी लोग अच्छा सोचे और अच्छे विचार रखे।
इस अवसर पर यमराज धाम के संस्थापक दीपक तिवारी ने बताया कि शीघ्र ही चित्रगुप्त जी की मूर्ति की स्थापना होगी एवं यमुना कुंड भी बनाया जाएगा, कार्यक्रम में दिनेश दंडोतिया सुनील पिंगले, परमाल सिंह राजपूत भानु प्रताप सिंह चौहान, वसंत राजपूत, विजय अरोरा, हजारी लाल पटस्कर, महेंद्र दांडी, वीरेंद्र सिंह राजपूत, विनोद रघुवंशी, राजाराम रघुवंशी, पप्पू पाल, मूलचंद्र अहिरवार, राजेश शर्मा आदि उपस्थित थे