Report By-महेंद्र अग्रवाल
जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने रायगढ़ सांसद माननीया गोमती साय के भूपेश बघेल पर कटाक्ष कर प्रभु श्रीराम व बजरंगबली को लेकर दिए बयान को न केवल आपत्तिजनक बताया वरन धार्मिक आस्था पर राजनीतिक पार्टी की निजी स्वतंत्रता पर रोक लगाने का आरोप भी लगाया ।अनिल शुक्ला ने सीधे सवाल कर गोमती साय से पूछा कि सांसद महोदया को प्रभु श्रीराम की आस्था को लेकर किये गए तथाकथित प्रश्न जिसमे प्रभु श्रीराम जी पर कांग्रेस कभी आस्था नहीं रखती यह बात आपको या आपकी पार्टी को किसने कही कब कही और आपके या आपकी पार्टी के पास ऐसे कौन से दस्तावेज हैं जिसके आधार पर आपने यह सवाल माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी से किये। वहीं रामसेतु काल्पनिक के सवाल पर भी सांसद महोदया को मैं यह अवगत कराना लाजमी समझता हुँ कि आप जिस पार्टी से सांसद हैं और जिस सदन में आप बतौर रायगढ़ सांसद प्रतिनिधतत्व करती हैं उस सदन में ही रामसेतु के काल्पनिक होने का खंडन करने की बजाए
पुष्टि भी बीजेपी नेता जितेंद्र सिंह ने की थी बावजूद इसके आप झूठे तर्क देकर देश को गुमराह भी कर रही हैं ।अनिल शुक्ला ने सांसद महोदया से पूछा कि सदन की गतिविधियों से भी क्या आप अवगत नहीं रहतीं
शुक्ला ने सांसद महोदया के रामसेतु पर दिए गए बयान को खरिज करते हुए आगे बताया की संघ और बीजेपी ने जिस रामसेतु को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी और सियासी मुद्दा बनाया था लेकिन मोदी सरकार के ही एक मंत्री ने संसद में रामसेतु का कोई वजूद होने से ही इनकार कर दिया बीजेपी पार्टी द्वारा यूपीए सरकार पर पर तो श्री राम को ही काल्पनिक बताने का निराधार आरोप लगता रहा लिहाजा रामसेतु को लेकर सरकार के इस जवाब के बाद हिंदूवादी संगठन नाराज भी है लेकिन अगर वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने संसद को गुमराह करने की बजाए बिल्कुल सही जवाब दिया था। विदित हो कि जितेंद्र सिंह प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री होने के अलावा अंतरिक्ष विभाग के राज्यमंत्री भी हैं। चूंकि रामसेतु के अस्तित्व का सवाल विज्ञान के शोध अध्ययन से जुड़ा हुआ था,इसलिए उन्हीने अंतरिक्ष विभाग के राज्यमंत्री के नाते उसका उचित जवाब देकर सबको चकित कर दिया था,फिलहाल अब अलग बात है कि इससे हिंदुओं की कितनी भावनाएं आहत हुई। यह भी विदित हो कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह हलफनामा भी दायर किया गया जिसमें कहा गया”आर्थिक उन्नति के लिए रामसेतु तोड़ना जरूरी है” यह भी जानना जरूरी है
भारत सरकार द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया था कि, “यह पुल असल में एक भूगर्भीय संरचना है, जो दस लाख वर्ष पहले भूगर्भीय क्रियाओं के कारण अस्तित्व में आई। इनका निर्माण मनुष्य ने नहीं किया है।”अहमदाबाद के मरीन पेड वाटर रिसोर्स ग्रुप, स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के अध्ययन का हवाला देते हुए केंद्र ने कहा कि “याचिकाकर्ता की यह धारणा गलत है कि इस पुल का धार्मिक और पुरातात्विक महत्व है। देश के पूर्वी तट को पश्चिमी तट से जोड़ने वाले सेतु समुद्र कैनाल प्रोजेक्ट जनहित और आर्थिक उन्नति के लिए तैयार किया जा रहा है इसलिए रामसेतु तोड़ने पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए
वहीं आगे सांसद महोदया के कांग्रेस पर लगाए गए आरोप का भी खंडन कर बताया कि राम मंदिर को लेकर सबसे पहले पहल ही कांग्रेस पार्टी द्वारा की गई थी उन्हीने प्रभु श्री राम की आस्था को लेकर कहा कि जनवरी 1993 में पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव की कांग्रेस सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने का अध्यादेश लाया था। जिसका विरोध आप की पार्टी बीजेपी ने उस समय किया था जिससे ही जन सामान्य को जान जाना चाहिए कि बीजेपी के दिखावे की आस्था के सामने कांग्रेस की आस्था कितनी मजबूत है मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को लेकर।
अनिल शुक्ला ने आगे धार्मिक आस्था के प्रतीक राम भक्त हनुमान जी के विषय मे कहा की हमारी आपकी राजनीतिक प्रतिद्वंदता हो सकती है लेकिन इसका कदापि यह मक़सद नहीं होना चाहिए कि हम या आप राजनीतिक लाभ के उद्देश्य साधने के लिए जनभावनाओं को दिग्भ्रमित कर सियासत के लिए धार्मिक नामों का दुरुपयोग करें
शुक्ला ने आगे बताया कि हनुमान चुटकी का प्रसंग तो सुना था पर कर्नाटक चुनाव में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने बजरंग दल को लेकर जिस तरह चुटकी लेकर आनंद की अनुभूति लेनी चाही उन्हीं को यह चुटकी भारी पड़ गई । शुक्ला ने यह भी बताया कि वीर बजरंगबली का पेटेंट कोई भी नहीं कर सकता उन पर आस्था रखना सबका अधिकार है इसलिए भाजपा किसी भी धार्मिक आस्था के प्रतीक पर एकाधिकार की सोच न रखे।
अनिल शुक्ला ने एक एक कर
सांसद सदस्य जी के बयान का खंडन कर दोहराया कि चूंकि आप हमारे जिले का सांसद में प्रतिनिधित्व करती हैं और आपकी कही गई हर बात आपके संसदीय क्षेत्र के अतिरिक्त विभिन्न मंचों पर भी पहुंचती है और ऐसी भ्रामक बात जो हास्य का विषय बन सकती है अतएव कांग्रेस के जिम्मेदार पद में रहकर व आपके संसदीय क्षेत्र के नागरिक होने के नाते मैं चाहता हूं कि आपकी गलत बयानी के प्रभाव से जनमानस गुमराह न हो व प्रदेश की मुद्दाविहीन भाजपा पार्टी के लिए ऐसे ही बड़ी संकट की स्थिति है और ऐसे में तथ्यहीन बयान जिससे पार्टी की छबि पर प्रतिकूल असर पड़े सोच समझ कर सार्वजनिक करें भ्रामक व तथ्यहीन निराधार बयान आपके व्यक्तित्व को भी शोभा नहीं देते।