साँची विधानसभा क्षेत्र में भाजपा में अपनों से ही सेंधमारी का खतरा, रूठों को मनाने में वरिष्ठ सत्ता संगठन के नेता हुए *फेल,भाजपा परंपरागत वोटों को लेकर चिंतित

जिला रायसेन मध्य प्रदेश
रिपोर्ट राहुल राजौरिया
मो.9424030592

साँची विधानसभा क्षेत्र में भाजपा में अपनों से ही सेंधमारी का खतरा, रूठों को मनाने में वरिष्ठ सत्ता संगठन के नेता हुए *फेल,भाजपा परंपरागत वोटों को लेकर चिंतित

R9भारत न्यूज
रायसेन साँची विधान सभा से
ग्राउंड रिपोर्ट

रायसेन।सांची अजा सीट पर 17 नवंबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से दो डॉक्टरों के बीच* रोचक मुकाबला बहुचर्चित व तेजी से बदलते सियासती समीकरण की वजह से चुनावी दंगल पेंचीदा होने के कयास लगाए जाने लगे है।हालांकि साँची सीट भाजपा के लिए शुरू से ही सुरक्षित और अजेय दुर्ग रही हैं।इतिहास पर जरा नजर डालें तो सांची सीट पर सिर्फ दो मर्तबा ही कांग्रेस पार्टी ने विजयी हासिल की थी।तब प्रत्याशी कांग्रेस के डॉ प्रभुराम चौधरी थे जो चुनाव जीतकर विधानसभा भवन भोपाल की सीढ़ी चढ़े थे।वर्ष 2018 में कमलनाथ सरकार में शिक्षा मंत्री बनाए गए थे डॉ प्रभुराम चौधरी।दलबदल कर ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक डॉ चौधरी ने पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो गए थे। वर्ष 2020 में कमलनाथ सरकार को गिराने के बाद फिर से मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुने गए।शिवराज कैबिनेट में डॉ प्रभुराम चौधरी को लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री की कमान दी थी। साँची सीट पर फिर से वर्ष 2020 में उपचुनाव हुए।जिसमें भाजपा ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी को टिकट दिया गया।वहीं कांग्रेस

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