अघोरा नाम परो मंत्रम से गूंज उठा शहरकेवड़ा बाड़ी बस स्टैंड एवम स्टेशन चौक में दिन भर हुआ प्रसाद वितरण

ब्यूरो रिपोर्ट छ. ग. रायगढ़ से महेंद्र अग्रवाल R9 भारत राष्ट्र संत अघोरेश्वर के विचार सदैव प्रासंगिक रहेंगे

अघोरा नाम परो मंत्रम से गूंज उठा शहरकेवड़ा बाड़ी बस स्टैंड एवम स्टेशन चौक में दिन भर हुआ प्रसाद वितरण

रायगढ़ :- आज अघोर गुरुपीठ ट्रस्ट बनोरा के तत्वाधान में पूज्य अघोरेश्वर भगवान राम के महानिर्वाण दिवस पर अस्पताल, वृद्धाश्रम, मुखबधिर आश्रम में फल वितरण किया गया इसके अलावा दिन भर बनोरा आश्रम में अघोरेश्वर के महानिर्वाण दिवस पर दिन भर भजन कीर्तन के साथ विविध कार्यक्रम भी संपन्न हुए l महानिर्वाण दिवस पर जरूरत मंदो के मध्य दैनिक उपयोग में आने वाली सामग्री वितरित की गई l शहर में उनका पुण्य स्मरण करते हुए प्रसाद वितरण किया गया। दशकों बाद भी अघोरेश्वर के विचार आज भी समाज के लिए प्रासंगिक है।अघोरेश्वर भगवान राम के महानिर्वाण दिवस पर पुण्य स्मरण करते हुए अघोर गुरु पीठ ट्रस्ट बनोरा में निर्धारित समय के अनुसार प्रातः 8.30 बजे भगवान राम की सामूहिक आरती की गई। इसके बाद आस पास से आए श्रद्धालुओं द्वारा प्रातः 9 बजे सफलयोनी का पाठ किया गया। इसके बाद अपरान्ह 12 से 3 बजे तक प्रसाद वितरण किया गया। आश्रम प्रबंधन से जुड़े श्रद्धालुओ के द्वारा प्रातः शासकीय जिला चिकित्सालय में दाखिल 90 मरीज, मेडिकल कॉलेज के मेल वार्ड, फिमेल वार्ड, आर्थो वार्ड, गायनिक वार्ड, टीवी वार्ड, मेल-फिमेल सर्जिकल वार्ड में दाखिल 220 मरीज, एवम मातृ​ शिशु अस्पताल के 60 मरीजों के मध्य फल वितरित किया गया। मूकबधिर में निवासरत 110, नई उम्मीद घरौंदा मे निवासरत 80,वृद्धाआश्रम में मौजूद 60, कुष्ट आश्रम जुर्डा में मौजूद 80 लोगो सहित 700 लोगो के मध्य प्रसाद स्वरूप ब्रेड, सेव फल, बिस्कुट, का वितरण किया गया।
रायगढ़ बनोरा आश्रम में डिपापारा, बनोरा, बेलरिया, डूमरपाली, खैरपाली, सकरबोगा, नावापारा, कुकुर्दा, साल्हेओना से आए 155 महिलाओ ,60 पुरुषों सहित कुल 215 लोगो के मध्य कंबल धोती साड़ी का वितरण आश्रम परिसर में किया गया। आश्रम सहित शहर के केवड़ाबाड़ी बस स्टैण्ड में समलेश्वरी समूह द्वारा महाभण्डारा त​था स्टेशन चाैक में युवाओ द्वारा ​दिन भर प्रसाद स्वरूप खिचड़ी वितरण किया गया। यह बताना लाजमी होगा कि भगवान अघोरेश्वर राम का पूरा जीवन पीड़ित मानव की सेवा के लिए समर्पित रहा। शमशान से समाज की ओर उन्होंने एक सेतु का निर्माण किया ताकि इस पंथ की वैचारिक शक्ति का समाज में सुचारू रूप से आवागमन हो सके। अघोरेश्वर द्वारा स्थापित 14 सूत्रीय उद्दश्यो की झलक अघोर गुरु पीठ ट्रस्ट बनोरा में दिखाई पड़ती है। अघोरेश्वर के शिष्य बाबा प्रियदर्शी राम जी का जीवन भी पीड़ित मानव की सेवा के लिए समर्पित है। छत्तीशगढ़ में रायगढ़ डभरा शिवरीनारायण अंबिकापुर चिरमिरी के सर भोका में स्थित आश्रमों के जरिए चिक्तिसा सेवा का कार्य निरंतर जारी है।

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