भीमपुर विकासखंड के ग्राम पलस्या में विशाल आध्यात्मिक परचरी ज्ञान यज्ञ का हुआ शुभारंभ
श्री संत सिंगाजी महाराज की परचरी पुराण का हुआ आयोजन
धन मूढ़ी धन परघणा धन संतन का धाम,धन बाबा सिंगाजी पावन कियो पलस्या ग्राम
दामजीपुरा/भीमपुर ब्लॉक के ग्राम रंभा के समीप ग्राम पलस्या में आयोजित संगीत में संत श्री सिंगाजी महाराज की परचरी पुराण का आयोजन किया गया परचरी पुराण कथा में कथावाचक पंडित श्री पप्पू महाराज जी सिंगाजी धाम खंडवा मध्य प्रदेश से है आयोजनकर्ता श्री नीलू रेचे ने बताया की संगीतमय परचरी पुराण का कार्यक्रम दिनांक 16 फरवरी से 20 फरवरी 2024 तक रहेगा कथा का समय दोपहर 12:00 बजे से 4:00 बजे तक होगा कलश यात्रा दिन शुक्रवार होगी कथावाचक श्री पप्पू महाराज ने संत सिंगाजी महाराज के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए उनके द्वारा बाल्यकाल से यौवन अवस्था तक जो चमत्कार हुए उन्हें विस्तार से समझाया जायेगा परचरी पुराण में ऐसा बताया जाता है कि सिंगाजी महाराज द्वारा जमीन में गड्ढा करते वक्त एक जीव कट गया था। संत सिंगाजी महाराज ने उस दिन उपवास किया और प्रभू भक्ति में लीन हो गए। उन्होंने परमात्मा से क्षमा याचना करते हुए कहा कि हे प्रभू मेरे द्वारा एक जीव ब्रह्म हत्या हुई है। शरद पूर्णिमा की राात्रि में भोर के समय स्वयं परब्रह्म परमात्मा ने चतुर्भुज रूप में सिंगाजी महाराज को दर्शन देकर जगाया और कहा कि जीस जीव का तुम दुख मना रहे हो वह जीव जीवित है। इसके बाद सिंगाजी महाराज को दृढ़ विश्वास होता जाता है कि परमात्मा उनके साथ हैं। सिंगाजी महाराज द्वारा नतमस्तक होने पर प्रभु प्रसन्ना होकर वरदान मांगने की बात कहते हैं। सिंगाजी महाराज ने इतना ही कहा कि आपके दर्शन कर मेरा जीवन धन्य हो गया। कथा श्रवण के लिए आसपास से ग्रामीण पहुंच रहे हैं।
ग्राम पलस्या में संत सिंगाजी महाराज की परचरी पुराण का आयोजन किया जा रहा है। आयोजनकर्ता नीलू रेचे ने समस्त धर्म प्रेमी जनता से निवेदन किया है कि हमारे ग्राम पलस्या में संत श्री सिंगाजी महाराज की परचरी पुराण का आयोजन किया जा रहा है सभी भाइयों एवं मातृशक्तियों से निवेदन है इस विशाल आध्यात्मिक परचरी ज्ञान यज्ञ में आप सभी सादर आमंत्रित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से परचरी पुराण में श्रद्धालु गण
शामिल होकर विशाल आध्यात्मिक परचरी ज्ञान यज्ञ का श्रवण कर रहे हैं पंडित श्री पप्पू महाराज जी ने श्रीकृष्ण और सुदामा की दोस्ती तथा सुदामा-कृष्ण के मिलन के बारे में विस्तार से बताया। निमाड़ के चमत्कारी निर्गुण संत सिंगाजी महाराज की की लीलाएं का वर्णन भी किया गया। श्री नीलू रेचे श्री वासुदेव रेचे के सहयोग से संत सिंगाजी की परचरी पुराण का आयोजन किया गया है।