धरमजयगढ़ वन मंडल में मिला हाथी के शावक का कंकाल, वनरक्षक को नहीं थी शावक के मौत की खबर, मामला बोरो के रुआफूल बीट का

ब्यूरो रिपोर्ट छ. ग. रायगढ़ से महेंद्र अग्रवाल R9 भारत

 

धरमजयगढ़ वन मंडल में मिला हाथी के शावक का कंकाल, वनरक्षक को नहीं थी शावक के मौत की खबर, मामला बोरो के रुआफूल बीट का

रायगढ़ : जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र से बड़ी खबर आ रही है। मिली जानकारी के अनुसार पिछले कई दिनों से बोरो रेंज में रुआफूल के पहाड़ जंगल में एक नन्हें हाथी के शावक की मृत्यु हो गई है जिसकी खबर ना तो क्षेत्रीय बीट गार्ड को थी ना ही वन विभाग के कर्मचारियों को। वही जानकारी मिलने पर ज़ब पत्रकारों द्वारा जंगल जाया गया तब विभाग भी हरकत में आया और जंगल घूमना चालु कर दिया। सुबह से पत्रकार जंगल में हाथी के शव की तलाश करते रहें वही वन विभाग के कर्मचारी करीब 2 बजे पहुंचे। सोचने की बात यह है की जिस गांव से पत्रकारों को जानकारी मिली उसी क्षेत्र के बीट गार्ड को इसकी जानकारी क्यों नहीं मिल सकी। कड़ी मसक्कत के बाद ज़ब जंगल से आ रही गंध का खोजबीन किया गया तब पहाड़ों पर हथिनुमा कंकाल मिले जिसमें हाथी के सुढ और पैरों की हड्डियां साफ दिखाई पड़ रही है। वही ज़ब जानवरों द्वारा लाश को खाया गया तब शव की हड्डियां चारों तरफ बिखरी नज़र आई। ज़ब विभाग के कर्मचारी घटना स्थल तक पहुंचे तब सभी ने हड्डियों को देख हाथी के बच्चें होने की तो पुष्टि की पर घटना स्थल पर उच्च अधिकारी अपने कर्मचारी को बचाते हुए नज़र आए और हड्डियों की जांच की बात कहने लगे। अब देखना यह है की जो हड्डी देखने में हाथी के बच्चें का प्रतीत हो रहा जांच में भी वही शाबित होगा या फिर मामले में कुछ नया मोड़ विभाग द्वारा तो नहीं ला दिया जाएगा? फिलहाल घटना स्थल पर रात से विभाग के कर्मचारी मौजूद है और वन विभाग के उच्च-अधिकारी का इंतजार कर रहें है। वही रेंजर से पूछने पर बताया गया की बिलासपुर से डॉक्टर आ रहें हैं जिनके आने के बाद ही शव की पुष्टि होगी।

 

क्या कहते हैं बोरो परिक्षेत्र अधिकारी

ज़ब इस सम्बन्ध में मौजूद परिक्षेत्र के रेंजर राम जी गोड़ से बात की गई तब उन्होंने बताया की देखने में तो हाथी के कंकाल ही नज़र आ रहा पर कुछ कहा नहीं जा सकता की क्या है। तब उनसे पुछा गया की हाथी के सुढ की हड्डी साफ दिखाई पड़ रही जिसको स्वीकार करते हुए उन्होंने डॉक्टरों की जांच के बाद ही कुछ कहने की बात कही

क्या कहते हैं वन रक्षक

ज़ब इस संबंध में वन रक्षक से बात करने की कोशिश की गई तब उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया वही हाथी शावक के मामले पर जानकारी लेने की कोशिस की गई तब उन्होंने वर्जन की सारी जिम्मेदारी रेंजर पर थोप दी।

हारनी की बात ये है कि वन विभाग के कर्मचारी अधिकारी वन भ्रमण करते है, या नहीं?? और इतने बड़े हाथी शावक की मृत हड्डी पाना विभाग की लापरवाही झलक रही है।

अब डॉक्टर की टीम की बता सकती है कि यह हड्डी किस जानवर की है। प्रथम दृष्ट से तो हाथी जैसे दिख रही है, पर पुष्टि तो विभाग की डॉक्टर ही करेंगे। लेकिन अन्य जानवर की हड्डी सूंड जैसे या हाथी के पाव जैसे तो नहीं होगा। क्षेत्र में शायद ही और कोई जानवर हाथी के पाव जैसे पैर होगा।।

ये सब वन विभाग एवं डॉक्टर की टीम ही बता सकती है।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!