नवीन गर्भनिरोधक साधन पर दो दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न
(आलोक कुमार सिंह, वाराणसी)
सीएचओ, एएनएम, नर्स को बताए अंतरा व छाया के फायदे-
अनचाहे गर्भ से बचाव के लिए जरूरी है अंतरा व छाया
वाराणसी, 19 फरवरी 2022 – जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए परिवार नियोजन के समस्त स्थायी व अस्थायी साधनों की अहम भूमिका है जिसमें अस्थायी नवीन गर्भनिरोधक साधनों के उपयोग पर ज़ोर दिया जा रहा है। इसी क्रम में शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में आधुनिक गर्भनिरोधक साधन अंतरा इंजेक्शन व छाया साप्ताहिक गोली पर दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी के निर्देशन में जनपद स्तरीय मास्टर ट्रेनर चिकित्सक डॉ सरोज एवं डॉ राहुल सिंह ने सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), एएनएम एवं स्टाफ नर्स को गर्भनिरोधक साधन तिमाही गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा व साप्ताहिक गर्भ निरोधक गोली छाया के फायदों के बारे में जानकारी दी गई। सीएमओ ने बताया कि महिलाओं को लम्बे समय तक गर्भधारण से बचाव के लिए गर्भनिरोधक साधन जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग जिला महिला चिकित्सालय, एलबीएस चिकित्सालय रामनगर सहित समस्त शहरी व ग्रामीण सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अंतरा व छाया की सेवा उपलब्ध कर रहा है। इसके लिए सेवा प्रदाताओं एएनएम, सीएचओ, नर्स को समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ राजेश प्रसाद ने कहा कि आधुनिक गर्भ निरोधक साधनों मे अंतरा व छाया की सुविधा परिवार नियोजन करने में काफी सहायक साबित हो रही है। यह एक आधुनिक त्रैमासिक गर्भ निरोधक साधन है। यह पूरी तरह से सुरक्षित है। इस विधि को शुरू करने से पहले प्रशिक्षित डॉक्टर द्वारा जांच कराना अत्यंत आवश्यक है।
डॉ सरोज ने बताया कि धात्री महिलाएं प्रसव के छह सप्ताह बाद अंतरा अपना सकती हैं। इससे दूध की मात्रा और गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। जो महिलाएं गर्भ निरोधक गोली नहीं खा सकतीं वे इसका इस्तेमाल कर सकतीं हैं। इससे यौन संबंध बनाने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी और कुछ मामलों में ये माहवारी के दौरान होने वाली ऐठन को भी कम करता है। डॉ राहुल सिंह ने बताया कि गर्भनिरोधक गोलियां भी महिलाओं द्वारा अपनाया जाने वाले एक अस्थाई विकल्प है। इससे वह अनचाहे गर्भ से सुरक्षित रह सकती हैं।
यूपीटीएसयू के जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने प्रशिक्षण में विशेष सहयोग दिया। प्रशिक्षणोंपरांत सीएचओ साक्षी अग्रवाल ने बताया कि प्रसव के छह सप्ताह बाद, स्तनपान न कराने वाली प्रसव के तुरंत बाद व माहवारी शुरू होने के सात दिन के अंदर, गर्भपात होने के तुरंत बाद या सात दिन के अंदर अंतरा इंजेक्शन लगवाना चाहिए। इंजेक्शन लगवाने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए।
सीएचओ मनस्पिता भूपमिश्रा ने बताया कि माहवारी शुरू होने के तुरंत बाद, प्रसव के तुरंत बाद व गर्भपात के तुरंत बाद या सात दिन के अंदर छाया साप्ताहिक गोली का सेवन शुरू करना चाहिए। शुरुआत के तीन महीने सप्ताह में दो बार एवं चौथे महीने से सप्ताह में एक बार सेवन शुरू करना चाहिए।