लघु एवं मध्यम उद्यमों में नवाचार पर कार्यशाला राष्ट्रीय कार्यशाला राउरकेला में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार ने राउरकेला एमएसएमई विभाग, सीमा शुल्क विभाग, जिला औद्योगिक उद्यम विभाग और चैंबर ऑफ कॉमर्स के सहयोग से वेदब्यास के पहाड़ी होटल में राष्ट्रीय स्तर की एमएसएमई नवाचार कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य राज्य के छोटे, लघु एवं मध्यम उद्यमियों द्वारा औद्योगिक क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा देकर जमीनी स्तर पर देश के आर्थिक आधार को मजबूत करना था। साथ ही अपने उत्पादों को अपने क्षेत्रों तक सीमित न रखकर उनका विस्तार कर देश और राज्य में अधिक से अधिक स्वरोजगार के क्षेत्र सृजित करने के लिए व्यापक जागरूकता पैदा करना था। कार्यशाला का मुख्य विषय राज्य सरकार के नारे एक जिला एक उत्पाद का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन और स्वदेशी उत्पादों की मांग बढ़ाना था। कार्यशाला में राज्य से विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने वाले लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन राउरकेला की अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट सुश्री दीना दस्तगीर ने मुख्य अतिथि के रूप में किया। डॉ. एस.के. साहू, संयुक्त निदेशक एवं शाखा प्रमुख, एसएसएमई, आलोक एम. लोसलका, उपाध्यक्ष, चैंबर ऑफ कॉमर्स, राउरकेला, रजत पटनायक, अध्यक्ष, ओएसएमई, देवव्रत स्वैन, अध्यक्ष, ओडब्ल्यूईए, राउरकेला, जगत ज्योति प्रियदर्शनी, जिला औद्योगिक केंद्र अधिकारी, राउरकेला, सहायक निदेशक, डी.के. नायक और शुभेंदु कुमार पति मुख्य अतिथि थे। कार्यशाला में 60 से अधिक लोगों ने भाग लिया। उन्होंने लघु एवं मध्यम उद्यमियों को नए उद्यम बनाने का रास्ता दिखाते हुए जागरूकता संदेश दिए। यह क्षेत्र वैश्विक बाजार में भारत में बने स्वदेशी उत्पादों की मांग बढ़ा रहा है। अचार से लेकर रसगुल्ला तक, पटसाढ़ी से लेकर संबलबुरी साड़ी तक, यह न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी मांग पैदा कर रहा है। इस तरह, भारत के कई घरेलू उत्पाद विदेशों में बिक रहे हैं। यहाँ तक कि भारतीय समुद्र और नदियों से उत्पादित झींगा और मछली की भी मांग विदेशों में है। इसलिए, हमारे देश और राज्य में ऐसे कई उत्पाद क्षेत्र हैं जिनका हम एमएसएमई के माध्यम से बहुत आसानी और सरलता से विकास कर सकते हैं। जिससे न केवल हमारे आर्थिक मानक स्वतंत्र होंगे बल्कि देश का आर्थिक क्षेत्र भी समृद्ध होगा, अतिथियों ने कहा। इसके अलावा, ओडिशा जैसा राज्य, जहाँ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र में नवाचार के सभी प्रकार के अवसर हैं, लेकिन चूँकि यहाँ के उद्यमी इसे अधिक महत्व नहीं देते हैं, इसलिए उनके उत्पादों की मांग उनके अपने क्षेत्र तक ही सीमित है। सरकार एसएसएमई के माध्यम से भारत के हर कोने में निर्मित स्वदेशी उत्पादों की मांग बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएँ चला रही है। जिससे देश में रहने वाले करोड़ों लोग आर्थिक रूप से सशक्त होंगे और भारत विश्व में एक आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र के रूप में उभर सकेगा। आज की राष्ट्रीय स्तरीय कार्यशाला के अंत में शुभेंदु कुमार पति ने आभार व्यक्त किया। राउरकेला से सुशील आइंन्द की रिपोर्ट r9bharat