एसएमएस ट्रॉमा सेंटर को राष्ट्रीय सम्मान
न्यूरोट्रॉमा सोसाइटी ने ‘सर्वश्रेष्ठ संस्थान पुरस्कार 2025’ से नवाजा
राजस्थान की राजधानी जयपुर का सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल एक बार फिर देशभर में अपनी चमक बिखेर रहा है। एसएमएस अस्पताल का न्यूरोट्रॉमा एवं ट्रॉमा सेंटर देशभर में उत्कृष्टता का नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए “सर्वश्रेष्ठ संस्थान पुरस्कार 2025” से सम्मानित हुआ है। यह सम्मान न्यूरोट्रॉमा सोसाइटी ऑफ इंडिया ने अपने वार्षिक सम्मेलन में प्रदान किया।
यह गौरवशाली उपलब्धि न केवल एसएमएस अस्पताल बल्कि पूरे राजस्थान के लिए गर्व का क्षण है। पुरस्कार यह साबित करता है कि एसएमएस ट्रॉमा सेंटर ने आपातकालीन ट्रॉमा एवं न्यूरोसर्जरी देखभाल, अंगदान को बढ़ावा देने और उच्चस्तरीय अनुसंधान में देशभर में अपनी अलग पहचान बनाई है।
देश का सबसे बड़ा और आधुनिक ट्रॉमा सेंटर
2014 में स्थापित एसएमएस ट्रॉमा सेंटर आज 300 से अधिक बेड और 88 विशेष न्यूरोसर्जरी बेड के साथ देश का अग्रणी केंद्र है।
पिछले एक वर्ष (अप्रैल 2024 – मार्च 2025) में यहां
21,389 मरीज भर्ती,
10,901 आपातकालीन सर्जरी, और
1,380 दर्दनाक मस्तिष्क चोट (टीबीआई) सर्जरी की गईं।
गंभीर रोगियों के लिए यहाँ 4 अत्याधुनिक आईसीयू हैं, जिनमें 46 वेंटिलेटरयुक्त बेड उपलब्ध हैं, और इनमें से 34 बेड न्यूरोट्रॉमा मरीजों के लिए आरक्षित हैं।
एम्बुलेंस सेवा – तेज़ प्रतिक्रिया का मॉडल
ट्रॉमा देखभाल का आधार है समय पर इलाज।
फरवरी 2025 में सेंटर को 12,596 ट्रॉमा कॉल्स प्राप्त हुईं।
प्रतिक्रिया समय ने देशभर में नया मानक कायम किया –
शहरी क्षेत्र: औसतन 6.04 मिनट (मानक – 20 मिनट)
ग्रामीण क्षेत्र: औसतन 8.53 मिनट (मानक – 30 मिनट)
यानी, जीवन बचाने की दौड़ में एसएमएस ट्रॉमा सेंटर सबसे आगे है।
अंगदान एवं अनुसंधान में प्रेरणा
एसएमएस ट्रॉमा सेंटर, स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (SOTTO) का प्रमुख केंद्र है।
2017 से अब तक 37 मरीजों को कैडेवरिक अंगदान के लिए अनुकूलित किया गया है। नतीजतन, राजस्थान देश के शीर्ष 5 राज्यों में अंगदान के क्षेत्र में पहुँच गया है।
अनुसंधान में भी सेंटर अग्रणी है। यह अंतरराष्ट्रीय “सेंटर-टीबीआई” परियोजना और ICMR रोड ट्रैफिक इंजरी सर्विलांस प्रोजेक्ट का हिस्सा है।
अब तक 70 से अधिक शोधपत्र राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं।
राष्ट्रीय मान्यता हर जयपुरवासी का गर्व
“सर्वश्रेष्ठ संस्थान पुरस्कार 2025” सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि यह संदेश है कि जयपुर का एसएमएस ट्रॉमा सेंटर पूरे देश का मॉडल बन चुका है। यह उपलब्धि न केवल डॉक्टरों और नर्सों की मेहनत का परिणाम है, बल्कि उन लाखों मरीजों की उम्मीदों की भी जीत है, जिनका जीवन यहाँ बचाया गया।
यह पुरस्कार SMS ट्रॉमा सेंटर की उस पहचान को और मजबूत करता है, जिसमें यह केवल राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे भारत का मॉडल ट्रॉमा और न्यूरोसर्जरी सेंटर बन चुका है।
डॉ. मनीष अग्रवाल, वरिष्ठ प्राध्यापक व विभागाध्यक्ष न्यूरोसर्जरी, अतिरिक्त प्राचार्य एसएमएस मेडिकल कॉलेज तथा नोडल ऑफिसर मृतक अंग प्रत्यारोपण एवं स्किल लैब के दूरदर्शी नेतृत्व में यह सेंटर हर साल लाखों मरीजों को नई जिंदगी दे रहा है।