चित्रलेखा श्रीवास की रिपोर्ट
भूविस्थापित मजदूर संघ का अल्टीमेटम : 26 सितंबर तक मांगें नहीं मानी गईं तो 6 अक्टूबर से हड़ताल
कोरबा//जिला कोरबा के पताढ़ी स्थित कोरबा पावर लिमिटेड (अदाणी) में कार्यरत विस्थापित मजदूरों का सब्र अब टूटता दिखाई दे रहा है। भू-विस्थापित मजदूर संघ (NFITU) ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों का निराकरण 26 सितंबर तक नहीं हुआ तो वे आगामी 6 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
त्रिपक्षीय बैठक भी नतीजा नहीं दे पाई
19 सितंबर को सहायक श्रमायुक्त कार्यालय, कोरबा में त्रिपक्षीय बैठक हुई। बैठक में अदाणी प्रबंधन की ओर से प्रोजेक्ट हेड सी.बी.के. प्रसाद, एजीएम डॉ. विकास ठाकुर, एचआर हेड संजय तिवारी समेत अधिकारी शामिल हुए। दूसरी ओर यूनियन से राष्ट्रीय महासचिव रजनीश सिंह, अध्यक्ष प्रवीण ओगरे और महासचिव धनाराम खाण्डे सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी मौजूद रहे। बैठक में प्रबंधन ने 26 सितंबर तक का समय मांगा, जिसे यूनियन ने मान लिया।
मुख्य मांगें
यूनियन ने कई प्रमुख मांगें रखीं, जिनमें—
प्रत्येक कर्मचारी को 70,000 रुपये एक्स-ग्रेशिया बोनस।
सभी कर्मचारियों को इंसेंटिव।
मृत कर्मचारियों का फाइनल सेटलमेंट व बीमा राशि।
ठेका मजदूरों को शासन के अनुसार बोनस।
सभी को हर माह की 5 तारीख तक वेतन व पर्ची।
यूनिट 3 व 4 में 12 घंटे की बजाय 8 घंटे कार्य समय और ओवरटाइम का भुगतान।
वर्कर, कैंटीन, वेलफेयर और सुरक्षा कमेटियों का गठन।
सीएसआर गतिविधियों व पर्यावरण सुरक्षा के प्रभावी उपाय।
प्रबंधन पर भेदभाव का आरोप
यूनियन का आरोप है कि अधिकारियों को इंसेंटिव का लाभ दिया गया लेकिन मजदूरों को वंचित रखा गया। वार्ता से बचते हुए प्रबंधन उल्टा कानूनी कार्रवाई और कोर्ट की धमकी दे रहा है। यूनियन ने कहा कि प्लांट में उनकी सदस्यता 51% से अधिक है, फिर भी उनकी अनदेखी की जा रही है।
आंदोलन की तैयारी
अध्यक्ष प्रवीण ओगरे ने कहा कि अब सबकी निगाहें 26 सितंबर की अंतिम तारीख पर टिकी हैं। यदि उस दिन तक समाधान नहीं हुआ, तो 6 अक्टूबर से आंदोलन की स्थिति उत्पन्न होना तय है।
यूनियन ने पहले भी 22 सितंबर से कार्यबंदी की चेतावनी दी थी। अब साफ कहा गया है कि यदि 26 सितंबर तक मांगें पूरी नहीं हुईं तो 6 अक्टूबर से हड़ताल होगी। इस संबंध में सूचना श्रम मंत्री, सांसद डॉ. ज्योत्सना महंत, पूर्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल, विधायक फूलसिंह राठिया, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, श्रम आयुक्त और मीडिया को भेजी गई है।
कोरबा पावर लिमिटेड (अदाणी) और विस्थापित मजदूर संघ के बीच चल रहा विवाद अब निर्णायक मोड़ पर है। मजदूरों का कहना है कि जमीन देने के बाद भी उनके साथ न्याय नहीं हुआ। अब 26 सितंबर की तारीख इस संघर्ष का अहम पड़ाव है। यदि समाधान नहीं निकला तो यह विवाद न सिर्फ उत्पादन को प्रभावित करेगा बल्कि जिले की प्रशासनिक व राजनीतिक स्थिति पर भी बड़ा असर डालेगा।