नई बात :छुट्टा जानवरों की समस्या का हल करेगा छत्तीसगढ़ मॉडल, चुनावी रैली में मोदी से लेकर प्रियंका तक कर चुके हैं जिक्र

मुख्यमंत्री गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ द्वारा चलाई जाने वाली एक सरकारी स्कीम है। इस स्कीम का उद्देश्य है कि इससे प्रदेश में पशुपालकों को सरकार द्वारा आर्थिक मदद का लाभ मिल सके। इस योजना को राज्य में जुलाई 2020 से शुरू किया गया। इसे राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुरू किया था। इस योजना के जरिए सरकार पशुपालकों से गोबर खरीदती है और इसके बदले उन्हें उचित दाम दिया जाता है…

पश्चिमी उत्तर प्रदेश से चला पलायन, धर्मांतरण, हिंदू-मुस्लिम, जिन्ना, पाकिस्तान जैसे मुद्दे अवध आते-आते थकते हुए नजर आ रहे हैं। अवध क्षेत्र के बाकी इलाकों और पूर्वांचल में इस समय जो सबसे बड़ा मुद्दा बनता दिख रहा है, वह छुट्टा पशुओं का। छुट्टा जानवर लोगों की परेशानी का कारण बना हुए हैं। सड़क से लेकर खेत तक छुट्टा जानवर आपको हर कहीं मिल जाएंगे। इस बीच समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस मुद्दे को हाथोंहाथ लिया है। विपक्षी दल इस मुद्दे को आम ग्रामीणों तक सरकार की सबसे बड़ी नाकामी के रूप में पेश करने में जुट गए हैं।

हालांकि आवारा पशुओं की इस समस्या के बीच छत्तीसगढ़ के गोबर की चर्चा ने पूरे यूपी में जोर पकड़ लिया है। चाहे पीएम मोदी हो या फिर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी हर कोई छत्तीसगढ़ की इस योजना की चर्चा करते हुए नजर आ रहा है। कांग्रेस ने चुनाव घोषणा पत्र में छत्तीसगढ़ जैसी गोधन न्याय योजना शुरू करने का वादा किया है। कांग्रेस ने चुनावी दस्तावेज ‘यूपी का उन्नति विधान’ में इसका खास तौर पर जिक्र किया गया है।

जबकि पीएम मोदी ने भी चुनावी मूड को भांपते हुए उन्नाव के सिकरी मोड़ रैली में पीएम मोदी ने कहा कि यूपी में सरकार बनते ही 10 मार्च के बाद इस समस्या का समाधान किया जाएगा। हम ऐसी व्यवस्था करेंगे, जिससे लोग पशुओं को अपने घरों पर बांधकर रखना शुरू कर देंगे। वाराणसी में बायो सीएनजी प्लांट लगाया जा रहा है। इसके लिए सरकार किसानों से पशुओं का गोबर खरीदेगी। इससे समस्या का समाधान हो सकता है। जबकि कुछ दिन पहले अमेठी में एक चुनावी रैली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा था कि अगर भाजपा सरकार बनाती है तो छुट्टा पशुओं की देखभाल करने वाले किसानों को 900 से 1000 रुपये महीने दिया जाएगा।

गुजरात वाले गुनगुना रहे छत्तीसगढ़ मॉडल

पीएम के इस बयान के बाद छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा, ‘अब गुजरात मॉडल वाले भी छत्तीसगढ़ मॉडल गुनगुना रहे हैं। हमने छत्तीसगढ़ में कर दिखाया, हमारी नेता ने उत्तर प्रदेश में अपनाया, कथित ‘गुजरात मॉडल’ वालों ने आज मंच से ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ गुनगुनाया।’ बघेल के ट्वीट के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने भी भाजपा को घेरा है। कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी को अपने भाषण के दौरान छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना का भी जिक्र और तारीफ करनी चाहिए थी। इस योजना की बात वह कर रहे हैं, भूपेश बघेल सरकार पहले से कर चुकी है। वहीं भाजपा ने भी पलटवार करते हुए कहा कि केंद्र में भाजपा के 2014 में सत्ता में आने के बाद ही मोदी सरकार ने गोबर से आय की योजना बना ली थी, लेकिन छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार को इसकी कहीं से भनक लग गई और यह योजना लागू कर दी गई। भाजपा नेता ने दावा किया कि गोबर से कमाई का आइडिया पीएम मोदी की सोच है।

प्रियंका बोली सभी जगह हो रही तारीफ

अमेठी के जशपुर में सभा के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार के गोधन न्याय योजना की जमकर तारीफ की। प्रियंका गांधी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि हमारी इस योजना की तर्ज पर विपक्ष ने भी योजना बनाने की बात कही थी, लेकिन हमारी छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने न सिर्फ इस योजना को लागू किया बल्कि लोगों को इसका फायदा भी दिलाया। अब छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना की तारीफ सब जगह हो रही है। जब हमने यह योजना शुरू की थी तब इस बात की हंसी उड़ाई थी कि सरकार अब गोबर खरीदेगी। लेकिन हमने करके दिखाया और यही योजना आज लोगों को पसंद आ रही है। ये होती है सरकार जो लोगों के लिए काम करती है। अगर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई तो यहां भी गोधन न्याय योजना को लागू किया जाएगा।

क्या है गोधन न्याय योजना

मुख्यमंत्री गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ द्वारा चलाई जाने वाली एक सरकारी स्कीम है। इस स्कीम का उद्देश्य है कि इससे प्रदेश में पशुपालकों को सरकार द्वारा आर्थिक मदद का लाभ मिल सके। इस योजना को राज्य में जुलाई 2020 से शुरू किया गया। इसे राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुरू किया था। इस योजना के जरिए सरकार पशुपालकों से गोबर खरीदती है और इसके बदले उन्हें उचित दाम दिया जाता है।

इस तरह इस्तेमाल होता है गोबर

सरकार किसानों से गोबर खरीदकर उसे वर्मी कंपोस्ट खाद में बदलने का काम करती है। बाद में यह ऑर्गेनिक खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने पिछले साल 100 करोड़ रुपये का गोबर पशुपालकों से खरीदा था। इसके बाद में खाद के रूप में बदला गया। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान प्ले स्टोर से एप डाउनलोड करके आवेदन कर सकते हैं।

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