भगवान के पीछे भागोगे तो भगवान बनोगे – मुनि श्री विलोक सागर जी

भगवान के पीछे भागोगे तो भगवान बनोगे – मुनि श्री विलोक सागर जी

राजाखेड़ा
शैतान के पीछे भागोगे तो शैतान बनोगे और भगवान के पीछे भागोगे तो भगवान बनोगे यह कहना है आचार्य श्री आर्जव सागर जी मुनिराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री विलोक सागर जी महाराज का । पूज्य महाराज जी श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर जैन धर्मशाला में आयोजित श्री 1008 चारित्र शुद्धि महामंडल विधान के दौरान आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे

 

मुनि श्री ने कहा कि इंसान जिस प्रकार के कर्म करता है उसको फल भी उसी प्रकार का मिलता है। यदि आप बालू को मशीन में पेरोगे तो तेल नहीं निकल सकता ठीक उसी प्रकार आप जीवन में जैसा व्यवहार करोगे तो आपको परिणाम भी उसी के अनुरूप प्राप्त होंगे ।
इससे पूर्व विधान का प्रारंभ अभिषेक शांतिधारा के साथ किया गया। शांतिधारा करने का मंगल अवसर विधान पुण्यर्जक भगवानदास मक्खन लाल कल्ला जैन हनुमानपुरा वाले परिवार को प्राप्त हुआ । लभग 434 अर्घ्य चढ़ाए गए एवं विश्व शांति की कामना के साथ विश्वशांति महायज्ञ के आयोजन के साथ विधान का समापन किया गया। विधानाचार्य पंकज भैया जी ने बताया कि चरित्र शुद्धि विधान का अवसर मिलने पर व्रत और विधान अवश्य करना चाहिए । विधान में संपूर्ण राजाखेड़ा जैन समाज के साथ बाहर से भी अनेक श्रावकों ने भाग लिया । विधान की संध्या में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं महाआरती का आयोजन किया गया
इस अवसर पर मयंक निशांक आयुष संभव अक्षत नवनीत जैनेंद्र सचिन झम्मनलाल सुरेशचंद जैन गुझिया वाले विजय कुमार अंकुश जैन प्रवीण जैन नहीला सतीश जैन सुभाष जैन देवचंद्र जैन विनोद जैन विपिन जैन बंटी धारापुरा मनोज जैन सहित संपूर्ण समाज के लोग उपस्थित रहे। संवाददाता मनोज राघव राजाखेड़ा

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