बरपाली महाविद्यालय में जनजाति गौरव दिवस का भव्य एवं सांस्कृतिक आयोजन

चित्रलेखा श्रीवास की रिपोर्ट

बरपाली महाविद्यालय में जनजाति गौरव दिवस का भव्य एवं सांस्कृतिक आयोजन

बरपाली//बरपाली महाविद्यालय में आज जनजाति गौरव दिवस बड़े ही सांस्कृतिक उत्साह, गरिमा और पारंपरिक विविधताओं के साथ मनाया गया। यह आयोजन जनजातीय समाज की समृद्ध विरासत, परंपराओं, संघर्षों और योगदानों को समर्पित रहा। पूरे महाविद्यालय परिसर को जनजातीय रंगों, प्रतीकों और सजावट से अलंकृत किया गया, जिसने कार्यक्रम में विशेष आकर्षण जोड़ा।

रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं स्वागत गीत से हुआ। इसके बाद छात्राओं ने विभिन्न जनजातीय लोक नृत्य—जैसे सरहुल, पंथी, गोंडी और करमा नृत्य—की मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं, जिससे पूरा वातावरण ताल, संगीत और उत्साह से भर उठा। लोकगीत गायन ने भी दर्शकों को छत्तीसगढ़ और भारत की जनजातीय धुनों से परिचित कराया।

प्रदर्शनी और पारंपरिक व्यंजन

समारोह के दौरान महाविद्यालय में जनजातीय आभूषण, पारंपरिक वेशभूषा, हस्तशिल्प, वनज उत्पादों तथा संस्कृति से जुड़े प्रतीकों की प्रदर्शनी लगाई गई। छात्र-छात्राओं ने जनजातीय जीवन से जुड़े अनेक वस्तुओं का सुंदर और सजीव प्रदर्शन किया।
इसके साथ ही छत्तीसगढ़िया व्यंजनों— जैसे चीला, फरा, भाजी, बोरे बासी, देसी मिठाईयाँ — ने कार्यक्रम में स्थानीय स्वाद और पारंपरिक खाद्य संस्कृति का अनूठा समावेश किया। उपस्थित अतिथियों एवं दर्शकों ने इसका भरपूर आनंद लिया।

मुख्य अतिथियों के प्रेरणादायी संबोधन

समारोह के मुख्य अतिथि श्री जुडावन सिंह ठाकुर ने महान जल, जंगल और जमीन के रक्षक, जनजातीय नायक बिरसा मुंडा के जीवन पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे बिरसा मुंडा ने अत्याचार, अन्याय और शोषण के खिलाफ संघर्ष करते हुए समाज को एक नई दिशा प्रदान की।
विशिष्ट अतिथि श्री मनोज झा ने जनजातीय जीवन पद्धति, उनकी सरलता, सामूहिकता और प्रकृति केंद्रित जीवन-दर्शन पर चर्चा की। उन्होंने युवाओं को वर्तमान समय में शिक्षा, रोजगार, डिजिटल माध्यमों और सामाजिक बदलावों के कारण आने वाली चुनौतियों से अवगत कराया और उनसे निपटने के उपाय सुझाए।
वहीं प्रवीण उपाध्याय ने छत्तीसगढ़ के शौर्य प्रतीक शहीद वीर नारायण सिंह की वीरता और बलिदान की गाथा बच्चों को अत्यंत प्रेरक रूप में सुनाई। उनकी कहानी ने विद्यार्थियों में देशभक्ति और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को मजबूत किया।

महाविद्यालय परिवार की उपस्थिति

कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य श्री नन्द सर, श्री मीरझा सर, श्री सिंह सर, श्री चंद्रा सर, अग्रवाल सर, तांब्रे सर सहित सभी शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी ने कार्यक्रम की सफलता और छात्रों के उत्साह की सराहना की।

छात्र-छात्राओं की उत्साहपूर्ण भागीदारी

पूरे कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने अत्यंत सक्रियता से हिस्सा लिया। उनके प्रदर्शन, सहभागिता और सृजनात्मकता ने जनजातीय गौरव दिवस को यादगार बना दिया। यह आयोजन न केवल मनोरंजन का माध्यम रहा, बल्कि जनजातीय संस्कृति की समझ, सम्मान और संरक्षण का भी सशक्त संदेश लेकर आया।

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