हुनरमंद खेल रुचि मे कार्तिक शर्मा संघर्ष से शिखर तक

हुनरमंद खेल रुचि मे कार्तिक शर्मा संघर्ष से शिखर तक

कार्तिक शर्मा का जन्म एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। बचपन से ही उनमें खेलों के प्रति विशेष रुचि थी, लेकिन क्रिकेट उनके लिए केवल एक खेल नहीं बल्कि जुनून था। छोटी उम्र में जब बच्चे खिलौनों से खेलते थे, तब कार्तिक गली-मोहल्लों में बल्ला और गेंद लेकर अभ्यास में जुटे रहते थे। उनके पिता मनोज शर्मा और परिवार और चाचा महेश शर्मा ने शुरू से ही उनके सपनों को समझा और सीमित संसाधनों के बावजूद उनका भरपूर साथ दिया।
कार्तिक का शुरुआती सफर आसान नहीं था। सुबह-सुबह फिटनेस ट्रेनिंग स्कूल के बाद घंटों नेट प्रैक्टिस और फिर देर रात तक मैचों के वीडियो देखकर अपनी गलतियों को सुधारना यही उनकी दिनचर्या बन गई। एक बार असफलता भी मिलीं, चयन से बाहर होना पड़ा, चोटों से जूझना पड़ा, लेकिन कार्तिक ने कभी हार नहीं मानी। उनके पिता मनोज शर्मा का मानना था कि मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती।

 


धीरे-धीरे कार्तिक ने अपनी अलग पहचान बनानी शुरू की घरेलू क्रिकेट में उनके लगातार अच्छे प्रदर्शन ने चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा। उनकी बल्लेबाज़ी में संयम और आक्रामकता का संतुलन था वहीं मैदान पर उनकी फुर्ती और खेल को पढ़ने की क्षमता उन्हें दूसरों से अलग बनाती है। वे दबाव में भी शांत रहते थे, जो एक बड़े खिलाड़ी की पहचान मानी जाती है।

उनके करियर का सबसे यादगार पल तब आया जब आईपीएल नीलामी में चेन्नई सुपर किंग्स जैसी प्रतिष्ठित टीम ने उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें 14.20 करोड़ रुपये में खरीदा। यह क्षण केवल कार्तिक के लिए ही नहीं, बल्कि उनके पूरे परिवार रिश्तेदार और राजस्थान के उन सभी लोगों के लिए गर्व का विषय है जिन्होंने उनके संघर्ष को करीब से देखा है। यह सफलता वर्षों की मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास का परिणाम है।

चेन्नई सुपर किंग्स के साथ जुड़ना कार्तिक के लिए एक नई जिम्मेदारी भी लेकर आया। अनुभवी खिलाड़ियों और महान नेतृत्व के बीच रहकर उन्होंने न केवल अपने खेल को निखारा, बल्कि टीम भावना, विनम्रता और निरंतर सीखने का महत्व भी समझा। वे मानते हैं कि सफलता मिलने के बाद ज़मीन से जुड़े रहना सबसे ज़रूरी होता है।

आज कार्तिक शर्मा युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा हैं। उनका सफर सिखाता है कि बड़े सपने देखने में कोई बुराई नहीं, बस उन्हें पूरा करने के लिए ईमानदार मेहनत और धैर्य चाहिए। कार्तिक शर्मा के भाई हुनर शक्ति फाउंडेशन संस्था के सचिव नीरज जी बच्चों की शिक्षा के क्षेत्र मे बच्चों को हुनरमंद बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है जिसमें कार्तिक शर्मा ने बताया आज की शिक्षा मे हुनरमंद होना एवं स्वम पर विश्वास से बड़ी कामयाबी पायी जा सकती है कार्तिक शर्मा की इस कामयाबी के लिए देर रात तक बधाई संदेश देने वाले रिश्तेदार सहयोगी सहपाठी के साथ साथ अन्य सभी लोगों ने खुशी जताई जिसमें कासिमपुर विद्यालय के प्रधानाचार्य महेंद्र कुमार श्रीवास्तव हुनर शक्ति फाउंडेशन संस्थापक प्रशान्त शर्मा धौलपुर जिला अध्यक्ष राधेश्याम तोमर नबाब सिंह विनोद चौहान आगरा मंडल से लालचंद शर्मा रोहित ओझा आदि लोगों ने दूरभाष के माध्यम से बधाई संदेश दिए। संवाददाता मनोज राघव राजाखेड़ा

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