रोहतास जिला के बिक्रमगंज स्थानीय शहर के मां दुर्गा मंदिर परिसर में आयोजित भगवान श्रीराम चरित्र मानस कथा के शुक्रवार आठवें दिन भगवान श्रीराम-सीता विवाह में भक्तों की उमड़ी भीड़ । जिस विवाह का विधि विधान पूर्वक समापन श्रीराम चरित्र मानस कथावाचक काशी बनारस के एग्रीवाचार्य महाराज ने रसपान कराया । बताया जाता कि भगवान श्रीराम विवाह मार्गशीर्ष अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि वह दिन है जब प्रभु श्री राम, मिथिला में आयोजित सीता स्वयंवर को जीतने के बाद उनके साथ विवाह किया था । इसलिए इस दिन को विवाह पंचमी पर्व के रूप में भी मनाया जाता है ।

वही भगवान राम और सीता विवाह को उनकी वर्षगांठ तौर पर विवाह पंचमी उत्सव रूप में भी मनाया जाता है । जबकि पौराणिक मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को राम-सीता का स्वयंवर हुआ था । इस पर्व को मिथिलांचल और नेपाल में बहुत उत्साह और आस्था से मनाया जाता है । भगवान राम और सीता का विवाह पौराणिक मान्यताओं के आधार पर मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष क पंचमी को हुआ था । दूसरी तरफ इस कार्यक्रम आयोजन को लेकर दुर्गा पूजा समिति सदस्य अध्यक्ष रामजी चौधरी, सचिव आनन्द सिंह, रामजी वैश्य, कोषाध्यक्ष भूषण सिंह, लाल बिहारी चौधरी, पूर्व नगर परिषद उपाध्यक्ष विकास सिंह उर्फ सरसठ सिंह, भोलू कुमार, छोटी यादव, जनार्दन यादव, गोलू गुप्ता,
धीरज गुप्ता, विवेक कुमार, प्रीतम कुमार, मनीष यादव, राजन सोनी सहित अन्य समाजिक कार्यकर्ता का योगदान रहा है ।