चंदौली : गर्मी का पारा चढ़ने से आमजन जहां बेहाल हैं, वहीं दिन प्रतिदिन तालाबों व पोखरों पर हो रहे अतिक्रमण से जल संकट गहराता जा रहा है। मैदानी इलाकों को छोड़ दें तो मार्च माह के अंतिम पखवारे से ही पहाड़ी क्षेत्रों में हैंडपंपों ने पानी छोड़ना आरंभ कर दिया था। आने वाले दिनों में गर्मी और बढ़ी तो ग्रामीणों को पानी की किल्लत से दो चार होना पड़ेगा। जनपद में चाहे नगरीय क्षेत्र हों ग्रामीण इलाके तालाब व पोखरों की जमीन पर अतिक्रमण बदस्तूर जारी है। ऐसा कोई गांव या नगर नहीं जहां तालाब पर अतिक्रमण न किया गया हो। जिला मुख्यालय स्थित सड़सा बाबा पोखरा को ही लें तो वर्तमान स्थिति अत्यंत खराब है। तालाब कूड़ा कचरा से पटा हुआ है। कमोवेश यही हाल ग्रामीण इलाकों का भी है। तालाब व पोखरों को पाटकर ग्रामीण मकान बना लिए हैं। जलश्रोत के खत्म होने से दिन प्रतिदिन पेयजल का संकट गहराता जा रहा है। हालांकि प्रशासन की ओर से तालाबों व पोखरों पर अतिक्रमण को लेकर कार्रवाई की जाती है, लेकिन गंवई राजनीति के कारण इस ओर ठोस पहल नहीं हो पा रही है।