उत्तराखण्ड देवभूमि के बजाय अपराध भूमि बन चुकी है =यशपाल
नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा में नियम 310 की चर्चा जो नियम 58 में सुनी गई पर चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि ,
” पिछले कुछ समय से राज्य की कानून व्यवस्था तार-तार हो गई है ऐसा लग रहा है कि उत्तराखण्ड में कानून के राज्य के बजाय अपराधियों का राज्य चल रहा हो। ”
उन्होंने बताया कि , यदि गृह विभाग द्वारा प्रदान की गई सूचनाओं पर ही भरोसा कर लिया जाय तो 1 मार्च 2022 से लेकर 15 नवंबर 2022 तक याने 8 महिनों में राज्य में 139 हत्याऐं हुई है , 279 महिलाओं का अपहरण हुआ है और 554 से अधिक बालात्कार की घटनाऐं हुई हैं।
उनका आरोप था कि , अब उत्तराखण्ड का गृह विभाग कमजोर तबके याने अनुसूचित जाति के लोगों के साथ हो रहे अपराधों की सूचना भी संग्रहित नहीं करता है।
नेता प्रतिपक्ष ने आंकिता हत्याकांड , पिंकी हत्याकांड , जगदीश हत्याकांड सहित उधम सिंह नगर में हुई हाल की घटनाओं में हुई हत्याओं के उदाहरण दिया।
उन्होंने कहा कि , अध्यक्ष विधानसभा का समय महत्वपूर्ण है यहां 8 महिनों में हुई 139 में से हर हत्या , 554 बालत्कारों और 279 महिलाओं के हुए अपहरणों की चर्चा नहीं की जा सकती है। इसलिए मैंने ये चार- पांच उदाहरण सदन के सामने रखे हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , हर मामले में या तो अपराधियों को सत्ता का संरक्षण था या फिर पुलिस की लापरवाही ।
ब्यूरो रिपोर्ट by गौरव पंत
R9. भारत T.V( ब्यूरो चीफ)
नैनीताल