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बुंदेलखंड आजाद सेना ने सौंपा ज्ञापन
बांदा।
बुंदेलखंड आजाद सेना ने जिलाधिकारी को प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपकर बुंदेलखंड अलग राज्य बनाये जाने की मांग की है।
बुंदेलखंड आजाद सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष की अगुवाई मे एक दर्जन से अधिक पदाधिकारी कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचकर जिलाधिकारी को प्रधानमंत्री भारत सरकार को संबोधित ज्ञापन सौंपा। बताया कि उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के दो भागों में बटे पिछड़े क्षेत्र बुंदेलखंड क्षेत्र की भौगोलिक संरचना ऐसी है कि इस क्षेत्र का समग्र विकास दोनों राज्य करने में अक्षम है, हालांकि दोनों राज्यों ने इस समस्या के समाधान हेतु बुंदेलखंड विकास परिषद का गठन कर रखा है जो केवल औपचारिक और खानापूर्ति तक सीमित है।
यूपी के कई हिस्से वाले जिले बांदा ,चित्रकूट ,महोबा ,हमीरपुर ,झांसी ,जालौन ,ललितपुर मध्य प्रदेश के हिस्से वाले जिला, सागर दमोह, दतिया, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, ग्वालियर, भिंड व सतना आदि बुंदेलखंड की स्थिति कहा आर्थिक वह सामाजिक रूप से पिछड़ी हुई है यहां पर बेरोजगारी, बेकारी, भुखमरी, पलायन, आर्थिक तंगी जैसी समस्याएं हैं। जिन्हें सिर्फ उपरोक्त जिलों को मिलाकर बुंदेलखंड राज्य गठन कर उचित समाधान से ही निकाला जा सकता है।
बुंदेलखंड आजादी के पूर्व से ही एक आजाद स्वतंत्र एवं सशक्त राज्य था जिसकी राजधानी ओरछा थी।
12 मार्च 1948 को बुंदेलखंड राज्य अस्तित्व में आया था और दिनांक 31-10-1956 को इस राज्य को दोनों क्षेत्रों में बांट कर समाप्त कर दिया गया ।
बुंदेलखंड राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय कामता प्रसाद सक्सेना थे। बुंदेलखंडी राज की मांग 1989 से ही जोर पकड़ रही है जिसकी अलख की शुरुआत स्वर्गीय श्री शंकर लाल मल्होत्रा ने की थी ।
बुंदेलखंड अनेक सांस्कृतिक ऐतिहासिक धरोहर को समेटे हुए हैं हमारी मांग है कि जल्द ही बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाया जाये इस मौके पर भैया लाल, महेंद्र प्रताप, देवेंद्र, सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
रिपोर्ट- शिवविलाश शर्मा