78 वां पड़ाव : बड़े मंगलवार को राम दरबार पहुंचीं धर्मयात्रा,हुआ सुंदरकांड का सामूहिक पाठ
ख़ैरागढ़ 00 ज्येष्ठ माह के पहले मंगलवार को राम दरबार,राम मंदिर में धर्मयात्रा का 78 वां पड़ाव आयोजित हुआ। धर्मप्रेमी मिथिला भट्ट व श्याम बिहारी भट्ट ने अपने वैवाहिक वर्षगांठ के अवसर धर्मयात्रा के उक्त पड़ाव में राम दरबार में संपूर्ण व्यवस्थाएं की। श्री रुक्खड़ स्वामी मंदिर निर्माण हेतु भट्ट परिवार ने 5 हज़ार एक रूपए समर्पित किए। धर्म यात्रा का 79 वां पड़ाव उदयपुर में ग्रामवासियों ने अगले मंगलवार को आयोजित है। 70 वें पड़ाव के बाद से बाजगुड़ा ग्राम में स्थित हनुमान मंदिर में प्रत्येक मंगलवार को हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ जारी है। इसी तरह अन्य ग्रामों और मंदिरों में भी सामूहिक पाठ की श्रृंखला चल रही है।
सतत हिंदू समाज को जोड़ना ही लक्ष्य
धर्मयात्रा प्रमुख भागवत शरण सिंह ने बड़े मंगलवार से जुड़े कथानकों को जन मानस के सामने रखते हुए कहा कि इस दिन से जुड़े 2 कथानक प्रचलित हैं। पहला कि इसी दिन भगवान राम और हनुमान जी का मिलन हुआ था। वहीं दूसरी कथा के अनुसार एक बार हनुमान जी वृद्ध स्वरूप में विश्राम कर रहे थे,और इसी रूप में भीम का अभिमान तोड़ा था। धर्मयात्रा के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए सिंह ने कहा कि हमें भी सत्य सनातन धर्म की रक्षा के लिए खड़ा होना होगा। और धर्म की रक्षा के लिए धार्मिक व आध्यात्मिक जन जागरण ही सबसे सशक्त माध्यम है। धर्म यात्रा के माध्यम से हमें सतत हिंदू समाज को जोड़ना होगा।
प्रश्नोत्तरी में पूछे गए द्वादश ज्योतिर्लिंग संबंधी सवाल
धर्मयात्रा में एक कड़ी और जोड़ते हुए सुंदरकांड व हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ में मौजूद नौनिहालों, युवाओं और महिलाओं से संयोजक जगन्नाथ सेवा समिति के अध्यक्ष आदित्य देव वैष्णव ने द्वादश ज्योतिर्लिगों से संबंधित प्रश्न पूछे। जिसका जवाब देने पर युवाओं को पुरस्कृत किया गया। पहल को लेकर बच्चों और युवाओं में खासा उत्साह रहा। प्रत्येक पड़ाव से पूर्व पूछे जाने वाले प्रश्नों से संबंधित विषयों को अध्ययन के लिए बता दिया जाता है। कार्यक्रम का संचालन शरद श्रीवास्तव ने किया। पुरस्कारों की व्यवस्था धर्मयात्रा के सतत सहयोगी सुदीप श्रीवास्तव ने की।
विधा के भजनों से झूमी महिलाएं
धर्मयात्रा को अपने संगीत से सुरमय बनाने वाली विवि की प्रख्यात गायिका डॉ.विधा सिंह राठौर ने अपनी गायकी से महिलाओं के साथ युवाओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। जिसमें उनका साथ ललित राजवंशी,छन्नूदास मानिकपुरी सहित अन्य ने दिया।