सत्याग्रही महिलाओं की धमकी से हिल गया प्रशासन,अफसरों ने 24 घंटे में समस्याओं का समाधान करने का दिया आश्वासन

बांदा- उत्तर प्रदेश विकासखंड मुख्यालय महुआ गांव के मजरा राजाराम का पुरवा में संपर्क मार्ग समेत मूलभूत समस्याओं के समाधान के लिए डंडों से लैस होकर गांव के बाहर सत्याग्रह आंदोलन में बैठी रही, सुनवाई न होने पर महिलाओं ने अपने माथे पर ‘नेता ग़ुम-प्रशासन चुप’ स्लोगन लिखी पट्टी बांधकर जिला प्रशासन को दो टूक चेतावनी दी कि यदि उनकी मागें पूरी न हुईं तो वे सामूहिक आत्मदाह करेंगी।
आंदोलित महिलाओं की चेतावनी से प्रशासन हिल गया। अफसर मौके में जाकर उनकी मांगें 24 घंटे में पूरा करने का आश्वासन दिया है।

राजाराम पुरवा की महिलाएं बुनियादी जरूरतों की मांग को लेकर चार दिनों से गांव बाहर सत्याग्रह पर बैठी रही लेकिन प्रशासन के कानों में जूं तक नही रेंगे। महिलाओ ने आंदोलन को तेज करने की योजना बना डाली, जान की परवाह किये बगैर सामूहिक आत्मदाह की धमकी दे डाली औऱ डंडों से लैस होकर सत्याग्रह आंदोलन बैठ कर अपने माथे पर ‘नेता ग़ुम-प्रशासन चुप’ स्लोगन लिखी पट्टी बांध ली, प्रशासन को जानकारी हुई तो मौके में सीडीओ समेत खंड विकास अधिकारी पहुँचकर सत्याग्रह आंदोलन में बैठी महिलाओं को मनाने में जुट गए। लेकिन आंदोलित महिलाये अपनी मांगों पर डटी रही। आंदोलित महिलाओं ने बताया कि गांव की बुनियादी समस्याओं के मामले में प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है। प्रशासन की इस चुप्पी से लगता है कि प्रशासन सिर्फ अमीरों के लिये है। गरीबों की सुनने वाला कोई नहीं है।
प्रशासन की इसी चुप्पी को देखते हुए उन्होंने सांकेतिक अपने मुंह में भी पट्टी बांध रखी है, ताकि इस बात की जानकारी सभी को हो सके। चिन्गारी संगठन की रोशनी ने कहा कि जिस सरकार में महिलाओं के सम्मान के बड़े-बड़े दावे किये जा रहे हों, बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ के नारे लगाये जा रहे हों उसी सरकार में एक गांव की बेटियां शिक्षा व सड़क के लिए मोहताज होने की वजह से सत्यग्रह करने को मजबूर हों, शासन और प्रशासन के लिये इससे ज्यादा शर्मनाक भला और क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रशाशन लगातार उनकी मांगों की अनदेखी कर रहा है।
सभी महिलाओं ने एक स्वर में कह दिया है यदि दो दिन के अंदर उनकी मांगें न मानी गईं तो वह सभी सामूहिक आत्मदाह कर लेंगी। वहीं, पूर्व प्रधान विजय बहादुर ने सत्यग्रह का समर्थन करते हुए कहा है की तत्काल प्रशासन को इनकी मांगों को पूरा करना चाहिए। महिलाओं की सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी से प्रशासन हिल गया। जिला विकास अधिकारी और खंड विकास अधिकारी महुआ ने 24 घंटे में समस्याओं का समाधान करने का भरोसा दिया है, तब महिलाये आंदोलन समाप्त करने को राजी हुए है।

शिवविलाश शर्मा जिला संवाददाता बाँदा की रिपोर्ट

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