सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र पतरापाली में बुधवार को लटका मिला ताला,

चित्रलेखा श्रीवास की रिपोर्ट

सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र पतरापाली में बुधवार को लटका मिला ताला,

गांव में रहती है आंगनबाड़ी कार्यकर्ता फिर भी नहीं खुलते केंद्रो के ताले,

आंगनबाड़ी केंद्र पर लटक रहा ताला जिम्मेदार उदासीन

 

कोरबा//कोरबा जिला के सुदूर वनांचलों पर स्थित ग्रामीणों का जीवन सरकारी योजनाओं से काफी दूर होते दिख रहा है सरकार के कागजों में तो आदिवासियों समाज को मुख्य धारा में लाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा और क्रियावन हो रहा है लेकिन क्या यह कागजों तक ही सीमित होते दिख रही है।
बाल विकास विभाग की चुस्ती के चलते कोरबा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र पतरापाली केंद्र पर ताला लटका पाया गया। गिने-चुने केंद्रों पर मुट्ठी भर बच्चों को बैठाकर केंद्र के संचालन की औपचारिकता जरूर निभाई जा रही है, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के मनमाने रवैया से केंद्रों का रंचमात्र लाभ नहीं मिल पा रहा है। केंद्रों पर गर्भवती धात्री किशोरी व ननिहालों की सेहत सुधारने के लिए दिया जाने वाला पोषाहार ठीक से नहीं मिल पा रहा है, पतरापाली गांव का आंगनबाड़ी केंद्र इसकी नजीर है। शासन ने आंगनबाड़ी केंद्रों की दशा सुधारने को लेकर भले ही निर्देश जारी किया है लेकिन आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों अपनी सुविधा के अनुरूपी काम करती है लेकिन इसके बाद में उनके कार्य प्रणाली में सुधार नहीं हो पा रहा कोरबा विकासखंड के निकटवर्ती गांव का सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र पतरापाली केंद्र बुधवार को ताला लटका मिला इससे ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं की ना तो जानकारी मिल पाती है और नहीं लाभ।
कोरबा विकासखंड अंतर्गत सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र पतरापाली बुधवार को ताला लटका मिला या यूं कहें आंगनवाड़ी कर्मचारियों का यह मनमाना रवैया की मान माफीक तरीके से आंगनबाड़ी का संचालन आंगनवाड़ी केंद्र पर ताला क्यों लटका मिला जब इसकी पड़ताल स्थानीय ग्रामीणों से बात की तो उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र का कोई समय नहीं है नहीं यहां कार्यकर्ता बीजमोती एवं सहायिका तारा बाई समय पर आते हैं और बंद करते हैं । इस बात की और गहरी तरीके से ग्रामीणो जब हमने पूछा तो उन्होंने साफ तरीके से बताया कि आज बुधवार को आंगनबाड़ी केंद्र नहीं खुला था। सरकार ऐसे सुदूर वनांचलों पर स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों का सही निरीक्षण या कहें निरीक्षण की कमी होने के कारण इस प्रकार की मनमानी सामने आती है विशेष करके आदिवासी क्षेत्र होने के कारण वहां के बच्चों को सही रूप से शिक्षा पोषण की आवश्यकता होती है लेकिन फिर भी गैर जिम्मेदार तरीके से अपने कार्यों को संचालित करती ऐसी आंगनबाड़ियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए अब देखना यह होगा की खबर प्रकाशन होने के बाद उच्च अधिकारी अपनी संज्ञान में लेते है कि नहीं।

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