राशन वितरण में घोटाला: संचालक द्वारा मनमानी तरीके से किया जा रहा चावल मे कटौती, हितग्राही परेशान!

ब्यूरो रिपोर्ट छ. ग. रायगढ़ से महेंद्र अग्रवाल R9 भारत

राशन वितरण में घोटाला: संचालक द्वारा मनमानी तरीके से किया जा रहा चावल मे कटौती, हितग्राही परेशान!

रायगढ़ /R9 भारत –

     राशन वितरण के नाम पर धोखेबाजी के लंबे समय से कई मामले समाने आते रहे हैं। ऐसे में सरकारों की‌ तमाम कोशिशों के बावजूद कई राशन दुकानों के मालिक सरकारी नियमों को धत्ता बताते हुए अपना घोटाले का काम बिना डर के जारी रखे हुए हैं।

 

ऐसे में सरकार की ओर से जिन जरूरतमंदों के लिए कार्य किया जाता है। वह लाभ उन तक न पहुंचकर बीच में ही कुछ अन्य लोगों द्वारा खुद के लाभ के काम में ले लिया जाता है। ऐसा ही मामला धरमजयगढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत विजयनगर में सामने आया है। जहां पर राशन वितरण संचालक द्वारा मनमानी तरीके से हितग्राहीयों का चावल मात्रा में काटौती की जा रही है। ग्रामीण हितग्राहियों ने बताया, राशन संचालक द्वारा चावल में कटौती किया जा रहा है, हितग्राही को 35 किलो चावल मिलना है वही हितग्राहियों को 5 किलो काटकर 30 किलो चावल दिया जा रहा है। आपको बता दें जानकारी अनुसार एकल राशन कार्ड धारी असहाय हितग्राही का भी चावल काटकर दिया जा रहा है, जिसको 10 किलो चावल मिलना था, उसे महज 6 किलो पकड़ा कर भेज दिया जा रहा है। और वही बड़ी विडंबना तो यह है जहां पर सरकार द्वारा निशुल्क चावल वितरण कर रही है। वहीं राशन संचालक द्वारा चावल काफी रुपए ऐंठा जा रहा है।
ग्राम के आश्रित गांव चटकपुर निवासी विसुन बुजुर्ग हितग्राही ने बताया, चटकपुर से विजयनगर राशन लेने के लिए चार दिन तक आना-जाना किया है, तब जाकर आज चावल मिल पाया लेकिन वही राशन कार्ड में एक ही व्यक्ति है जिसमें 10 किलो चावल मिलना था जिसे 6 किलो चावल दिया गया है और वही संचालक द्वारा उसके एवज में विसुन बुजुर्ग हितग्राही से ₹100 ले लिया गया है।
बुजुर्ग हितग्राही ने अपनी आप बीती बयां करते हुए मीडिया के सामने बताया कि उन्हें बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, चटकपुर से पीडीएस दुकान तक पैदल आने में जाने में भी बहुत दिक्कत होती है।आगे उन्होंने बताया कि एकमात्र सहारा सरकार द्वारा निशुल्क दिया जा रहा चावल पर निर्भर रहा लेकिन अभी तो संचालक द्वारा लगातार चावल को काट कर दिया जा रहा है ऐसे में मेरा जीवन यापन को कैसे करूंगा यह मेरे को समझ में नहीं आ रहा है।
इसके संबंध में गांव के और हितग्राहियों ने राशन संचालक से बात की तो उन्होंने कहा कि यह ऊपर शासन से आपका राशन काट कर भेजा गया है, यह कहते संचालक द्वारा डांट फटकार करते हुए हितग्राही का जुबान बंद कर दे रहा है।
आपको बता दें,वैसे तो क्षेत्र में कई जगह गरीबों का राशन पीडीएस दुकानदार द्वारा डकार देने का खबर आता रहा है, ग्रामीणों ने कहा इसकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा अधिकारियों के पास भी गरीब लोग फरियाद लेकर जाते हैं, लेकिन अधिकारियों द्वारा इस पर कोई विचार नहीं किया जाता, और वहीं संचालकों से मिली सुत्र अनुसार जांच अधिकारी द्वारा ले देकर निपटा दिया जाता है। जो एक बड़ा सवाल खड़ा कर जाता है। आखिरकार गरीबों द्वारा शिकायत के बावजूद भी कार्रवाई नहीं होना या गरीबों की अधिकार को अधिकारियों द्वारा नहीं दिलाना तो फिर पीड़ित हितग्राही आखिर शिकायत के लिए कहां-कहां भटकते रहेंगे।
वहीं आगे हितग्राहियों ने कहा कि मामले को लेकर एक बार जिला स्तर के अधिकारियों के पास जायेंगे,बाकी निचले स्तर के अधिकारियों से भरोसा उठ गया है।
बहरहाल अब देखना होगा पीड़ित हितग्राहियों द्वारा क्या रणनीति अपनाई जाती है,और जांच अधिकारी द्वारा किस तरह की कार्रवाई की जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!