नियमितीकरण सहित अन्य मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं ने खोला मोर्चा आईटीआई तानसेन चौक में धरना प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन

चित्रलेखा श्रीवास की रिपोर्ट

नियमितीकरण सहित अन्य मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं ने खोला मोर्चा आईटीआई तानसेन चौक में धरना प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन

कोरबा//आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं के द्वारा लंबित मांगों का निराकरण के लिए प्रदेश संगठन के निर्देशानुसार शुक्रवार को हड़ताल कर धरना प्रदर्शन किया गया। इस सम्बन्ध में पूर्व में जिला प्रशासन को ज्ञापन देने के बाद आईटीआई तानसेन चौक पर एक दिवसीय प्रदर्शन किया। शाम 4 बजे रैली निकालकर सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इस सम्बंध में छ ग आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की कोरबा जिलाध्यक्ष श्रीमती वीणा साहू ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यरत हम मेहनतकश महिला कर्मियों को जो मूलभूत सुविधा और लाभ केन्द्र और राज्य सरकार से मिलनी चाहिये उस पर सरकार का ध्यानाकर्षण करने हेतु एक दिवसीय धरना प्रदर्शन में जिले भर से कार्यकर्ता सहायिका जिला मुख्यालय पहुंची हैं। प्रदेश के सभी जिलों में यह प्रदर्शन हो रहा है। संघ की एक अन्य पदाधिकारी सुचित्रा मानिकपुरी ने बताया कि बढ़ते मंहगाई के इस दौर में हम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका आर्थिक रूप से, मानसिक रूप से परेशान हैं, विभागीय काम के अलावा भी कई सारे काम लिया जाता है जिसके कारण विभागीय काम में बाधा उत्पन्न होती है। शासन-प्रशासन से हम आशा करते हैं कि मांगों का निराकरण करेंगे। उन्होंने कहा कि पंचायती राज के अधीन छत्तीसगढ़ राज्य में पंचायत कर्मी, शिक्षा कर्मी, स्वास्थ्य कर्मी, पंचायत सचिवों जैसे मानसेवियों को सरकार नीति बनाकर उन्हें नियमित (शासकीय कर्मचारी) कर चुकी है, लेकिन हम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विगत 50 सालों से कार्यरत हैं लेकिन हम आज भी मानसेवी नहीं है। अनुरोध है कि सभी आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को नियमित करते हुये शासकीय कर्मचारी घोषित किया जावे। शासकीय कर्मचारी घोषित करने तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 21000/- और सहायिका को 17850/- जीने लायक वेतन स्वीकृत किया जाये। साथ ही वर्तमान में कार्यकर्ताओं को प्राप्त मानदेय 10000/- रूपये का 85 प्रतिशत राशि सहायिकाओं के लिये स्वीकत किया जाये। 35-40 वर्ष विभाग की सेवा करने के बाद भी बुढ़ापे के समय जीवन यापन हेतु न तो कोई पेंशन मिल रहा है और ना ही एकमुश्त राशि। कार्यकर्ता को 10000 /- और सहायिका को 8000/- मासिक पेंशन और बुढ़ापे के शेष जीवन यापन के लिये कार्यकर्ता को 05 लाख रूपये और सहायिका को 04 लाख रूपये एकमुश्त ग्रेज्युटी राशि प्रदान किया जाये।भविष्य की सुरक्षा के लिये आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका को समूह बीमा योजना में जोड़ा जाये। इस हेतु नीति निर्धारण किया जाये।कार्यकर्ता सहायिका के आकस्मिक मृत्यु होने पर परिवार के एक सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति दिया जाये।मानदेय को मंहगाई भत्ता के साथ जोड़ा जाए, मंहगाई भत्ता स्वीकृत किया जावे।वर्षों से अल्प मानदेय में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को पदोन्नति के पद रिक्त होने के बाद भी 50 प्रतिशत का प्रतिबंध होने के कारण इन्हें इसका लाभ नहीं मिल रहा है। 50 प्रतिशत का बंधन को समाप्त किया जाए और कार्यकर्ता को बिना उम्र बंधन के वरिष्टता क्रम में बिना परीक्षा के सुपरवाइजर के रिक्त शत प्रतिशत पद पर लिया जावे। इसी तरह सहायिकाओं को भी 50 प्रतिशत के बंधन को समाप्त कर कार्यकर्ता के पद रिक्त होने पर शत प्रतिशत वरिष्टता क्रम में कार्यकर्ता के पद पर पदोन्नति किया जावे।सभी केन्द्रों में गैस सिलेण्डर और चूल्हा प्रदान किया जावे और इसकी नियमित रिफिलिंग की व्यवस्था सुगम बनाया जाये। इस दौरान बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका उपस्थित थे।

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