उच्चैन (भरतपुर) 21 दिसंबर
राजकीय महाविद्यालय, उच्चैन में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, राजस्थान (उच्च शिक्षा) के तत्वाधान में लोक माता अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया|
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. योगेंद्र भानु, संयोजक, भरतपुर-अलवर विभाग सहसंयोजक (एबीआरएसएम – राजस्थान, उच्च शिक्षा) ने लोक माता अहिल्याबाई होल्कर के अविस्मरणीय जीवन और उनके योगदान पर प्रकाश डालते हुए इतिहास में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया| अहिल्या बाई के जीवन संघर्ष को समझाते हुए राजमाता से लोक माता बनने की यात्रा एवं आम जनता से जुड़ाव और जनता में न्याय का संदेश एवं उसके प्रति समर्पण के भाव को दर्शाते हुए जनकल्याण के कार्यों पर प्रकाश डाला| इन्होंने मंदिरों, कुओं, तालाबो, सरायों, सड़कों का निर्माण करवाया और भूखे लोगों के लिए सदावत की व्यवस्था की| स्त्री शिक्षा के लिए इन्होंने कन्या पाठशाला खुलवाई| इन्होंने अपने असाधारण कार्यों तथा कुशल प्रशासन व न्यायप्रियता से आमजन में अपनी लोकप्रियता को साबित किया| अहिल्याबाई का प्रशासनिक प्रबंधन वर्तमान में भी अनुकरणीय एवं प्रेरणा स्रोत है| कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो. मानवेंद्र, जिला अध्यक्ष, भरतपुर (एबीआरएसएम – राजस्थान, उच्च शिक्षा) ने अपने सम्बोधन में बताया कि भारत के इतिहास में हमने ऐसे अनेक नायकों को भूला दिया जिनका राष्ट्र निर्माण में अभूतपूर्व योगदान रहा है| ऐसी ही लोक नायिका अहिल्याबाई के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इन्होंने भारतीय संस्कृति की पुनर्स्थापना में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है| इन्होंने बताया कि अहिल्या बाई ने विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए एक मजबूत साम्राज्य का निर्माण किया| कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य डॉ. उर्मिला मीना ने अहिल्या बाई के जीवन से सीख लेने और जीवन में अपनाने की बात कही| इस अवसर पर महाविद्यालय से श्रीमति कैलाश अग्रवाल एवं श्री गौरव शर्मा उपस्थित रहे| कार्यक्रम का संचालन इकाई सचिव शैवेन्द्र कुमार व्यास (सहायक आचार्य) ने किया महाविद्यालय के डॉ. जगदीश (सहायक आचार्य) ने धन्यवाद ज्ञापित किया उच्चैन रिपोर्टर यतेंद्र कटारा