भागवत कथा के चौथे दिन व्यास जी ने किया मत्स्य, वामन और कृष्ण अवतार की कथा का वर्णन
बामन अवतार की सजाई झांकी, धूमधाम से मनाया कृष्ण जन्मोत्सव
बसेड़ी कस्बे के गाँव इंदे का पुरा में चल रही सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का चौथा दिन विशेष रहा।
कथाव्यास आचार्य सुशील शास्त्री ने समुद्र मंथन, मत्स्य अवतार, बलि वामन चरित्र और श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन किया। आचार्य जी ने बताया कि भगवान विष्णु के दस अवतारों में मत्स्य अवतार सृष्टि के उद्धार के लिए हुआ था। बलि वामन चरित्र में उन्होंने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जीवन में किसी से कुछ मांगने की स्थिति नहीं आनी चाहिए। मांगने के लिए व्यक्ति को छोटा बनना पड़ता है। उन्होंने बताया कि भगवान विष्णु ने देवताओं की रक्षा के लिए वामन अवतार लिया था। जब वे बलि राजा से तीन पग भूमि मांगने गए, तो विराट रूप में नहीं बल्कि वामन रूप में गए।भागवत कथा में वामन भगवान की सुंदर झांकी सजाई गई। निकाली गई झांकी ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
श्रीकृष्ण जन्म प्रसंग में उन्होंने कहा कि जब धर्म की हानि होती है और संत, ब्राह्मण, गौमाता व देवताओं को संकट आता है, तब भगवान अवतार लेते हैं।
कार्यक्रम में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बड़े उत्साह से मनाया गया।
भागवत कथा के बीच में भक्तों द्वारा कथा व्यास सुशील शास्त्री एवं परीक्षित लक्ष्मी देवी एवं अमर सिंह का माला एवं साफा पहनाकर भव्य स्वागत किया गया।
बसेड़ी से संवाददाता माधोसिंह परमार