चित्रलेखा श्रीवास की रिपोर्ट
सरकार की अनदेखी पर पंचायत सचिव की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी
    –  ग्रामीण विकास योजनाओं पर पैड रहा असर
कोरबा//विधानसभा चुनाव 2023-24 के दौरान मोदी की गारंटी में पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने का वादा किया गया था। पंचायत सचिव विगत 30 वर्षों से पंचायतों में सेवाएँ दे रहे हैं और वे इस गारंटी के पूर्ण होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। बताया जा रहा हैं की इसी विषय पर 7 जुलाई 2024 को इंडोर स्टेडियम रायपुर में माननीय मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, उपमुख्यमंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्री तथा घोषणा पत्र संयोजक की उपस्थिति में पंचायत सचिवों के शासकीयकरण को अति आवश्यक मानते हुए शीघ्र कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया गया था। मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में तत्काल कमेटी गठन करने घोषणा की थी। 16 जुलाई 2024 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा गठित समिति को 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया था। समिति ने प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया, जिससे पंचायत सचिवों को उम्मीद थी कि बजट सत्र में शासकीयकरण की घोषणा होगी।
लेकिन बजट सत्र में यह विषय नहीं आया और सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई, जिससे प्रदेश के पंचायत सचिवों में आक्रोश फैल गया। इसलिए पंचायत सचिव संघ ने 17 मार्च से प्रदेश भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। इसके बावजूद सरकार ने पुनः एक समिति का गठन कर दिया, जिसमें कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई। इससे पंचायत सचिवों में असंतोष और बढ़ गया, जिसके चलते 1 अप्रैल को प्रस्तावित मंत्रालय घेराव को स्थगित कर आगामी रणनीति तैयार की गई।
हड़ताल की तिथिवार रणनीति
* 02 अप्रैल से 06 अप्रैल-जनपद स्तर पर हड़ताल जारी 
* 07 अप्रैल-जिला स्तर पर रैली निकालकर कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम सौंपा जाएगा ज्ञापन
* 08 अप्रैल-जनपद स्तर पर नगाड़ा बजाकर विरोध प्रदर्शन।
* 09 अप्रैल-रामायण गान कर विरोध प्रदर्शन
* 10 अप्रैल-हड़ताल पंडाल में महावीर जयंती का आयोजन
* 11 अप्रैल-क्रमिक भूख हड़ताल प्रारंभ
* 12 अप्रैल-सरकार को सद्बुद्धि हेतु हनुमान चालीसा का पाठ
* 13 अप्रैल-क्रमिक भूख हड़ताल जारी
* 14 अप्रैल-हड़ताल परिसर में मनाई जाएगी डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती
* 15 अप्रैल से 19 अप्रैल-जनपद स्तर पर क्रमिक भूख हड़ताल जारी 
* 20 अप्रैल-प्रदेश के समस्त पंचायत सचिव जंतर-मंतर, दिल्ली के लिए रवाना
* 21 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल-जब तक मांग पूरी नहीं होती।
दिल्ली में जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। प्रदेशभर के पंचायत सचिव इस आंदोलन को लेकर एकजुट हैं और सरकार से शीघ्र शासकीयकरण की घोषणा की मांग कर रहे हैं। यदि सरकार जल्द ही इस पर सकारात्मक निर्णय नहीं लेती, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
पंचायत सचिवों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से ग्रामो में प्रशासनिक कार्य ठप्प हो गए हैं। ग्रामीण आवास, जाति निवास, मनरेगा मजदूरी भुगतान और शासकीय योजनाओं का लाभ प्रभावित हो रहा है। ग्राम पंचायतों में प्रमाण पत्र जारी नहीं हो पा रहे, जिससे छात्रों, किसानों और मजदूरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पंचायत स्तर पर विकास कार्य भी रुक गए हैं। हड़ताल के चलते ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है और वे जल्द से जल्द समाधान की माँग कर रहे हैं।