भागवत कथा के मंच से कवि सम्मेलन में देशभक्ति और सनातन के भाव से ओतप्रोत हुआ पांडाल,भारतमाता के जयघोषों से गुंजा वातावरण

भागवत कथा के मंच से कवि सम्मेलन में देशभक्ति और सनातन के भाव से ओतप्रोत हुआ पांडाल,भारतमाता के जयघोषों से गुंजा वातावरण

राजाखेड़ा के नागर में श्रीमद्भागवत कथा के मंच पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सनातन सम्मेलन के दौरान कवियों ने देशभक्ति,गीतों,हास्य और व्यंग्य की रचनाओं से श्रोताओं को देर रात तक बांधे रखा।कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन व माल्यार्पण कर कवि रामबाबू सिकरवार द्वारा शारदे की वंदना से की गई। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि युवा जिलाध्यक्ष राजपूत सभा सरनाम सिकरवार,पं.समिति सदस्य प्रतिनिधि अजय परमार सैंपऊ,मनु परमार,मनीष तोमर आदि रहे।आयोजक कथा परीक्षित कुम्हेर सिंह जी द्वारा सभी कवियों को साफा और माला पहनाकर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
संचालन कर रहे राष्ट्रीय कवि एवं संयोजक डॉ श्यामवीर परमार सैंपऊ द्वारा विशुद्ध साहित्यिक संचालन से श्रोताओं की वाहवाही लूटी।कवि सम्मेलन के विशेष आकर्षण कवित्त रामायण ग्रन्थ के रचयिता राजवीर भारती रहे जिन्होंने ‘ सियासत के विरोधी है सियासी सांड मत समझो, हमारा मोम सा दिल है अरे पाषाण मत समझो,हकीकत देखते हैं वह सलाह बेबाक लिखते हैं कलम की हम सिपाही हैं हमें तुम भांड मत समझो से लेखनी की ताकत का भान कराया।पैरोड़ी किंग रामबाबू सिकरवार ने” जो वतन की खातिर मिटे उनको सलाम है,जांबाज सैनिकों को कोटिशः प्रणाम है आतंक वादियों को घर में घुस के मार कर दुनिया को बता दिया हिंदुस्तान है”के साथ पैरोडियों के चुटीले अंदाज से श्रोताओं को खूब ठहाके लगवाए।कवि राजवीर क्रांति ने’राम लखन के बिना साधना विश्वामित्र अधूरी है ,अहिरावण खरदूषण मरना अब बहुत जरूरी है,नहीं रहे आतंकवाद की डफली सी मढ़ जाने दो ,एक बार शिव तांडव करती सेना को बढ़ जाने दो, कविता सुनाकर श्रोताओं में जोश भर दिया,कवि भगवान सहाय ने ‘यह तो सिर्फ बवंडर है तूफान का आना बाकी है।पाक तेरा अंजाम क्या होगा यह तो केवल झांकी है से भारतीय सैनिकों की आतंकवाद पर कार्रवाई व वीरता का यशगान किया।हरेंद्र हर्ष ने गीतों से कवि सम्मेलन को बेहतरीन आगाज दिया।संयोजक कवि श्यामवीर परमार ने’ धर्म के नाम पर मिटाते रहे हम हिंदू राष्ट्र वाला अब जुनून चाहता है देश।पानी सम रक्त को कब तक बहाएंगे खून के बदले में अब खून चाहता है देश। सुनाकर आतंक के पर्याय पड़ोसी देश को सबक सिखाने का आह्वान किया’वहीं प्रेम करेला ने’लहू की स्याही से मातृभूमि का गुणगान लिखा गया,रिपुओं के खाते मे यहाँ सदा ही श्मशान लिखा गया,माटी की खातिर माटी कर दिया खुद को वीरों ने यहाँ,तब जाकर इतिहास में स्वर्णिम राजस्थान की तासीर को दर्शाया,अपूर्व माधव नेजिसकी शौर्य कहानी पर पूरा भारत इतराता है
सपनों में भी देख जिसे अकबर मन में घबराता है
माटी की रक्षा के ख़ातिर मिट्टी बना लिया खुद को उस वीर प्रतापी महाराणा के माधव गीत सुनाता है सुनकर स्वाभिमान सम्मान के महत्व को दर्शाय।कवि सम्मेलन के प्रमुख सूत्रधार बंटी परमार नगला मावली रहे।इस अवसर पर समस्त सिकरवार परिवार, नत्थी सिंह परमार,ओमवीर सिकरवार,बंटी परमार सहित सैकड़ों ग्राम वासी उपस्थित रहे। संवाददाता मनोज राघव राजाखेड़ा

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