“मेरा युवा भारत” और “जन विकास क्रांति” के संयुक्त तत्वावधान में आज हैंडलूम दिवस अवसर पर नयका टोला, जगदीशपुर में “तिरंगा झंडा निर्माण” विषय पर आधारित हैंडलूम प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक बुनकरी को प्रोत्साहित करना, स्थानीय बुनकरों को एक रचनात्मक मंच प्रदान करना, तथा युवाओं विशेषकर महिलाओं में स्वदेशी वस्त्रों और राष्ट्रीय प्रतीकों के प्रति गर्व और जागरूकता उत्पन्न करना था।
प्रतियोगिता में स्थानीय महिलाओं और युवाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया और अपने हाथों से बनाए गए हैंडलूम से निर्मित तिरंगा झंडों में विविध पारंपरिक व नवीन डिजाइनों का सुंदर प्रदर्शन किया। निर्णायकों द्वारा कला, प्रस्तुति और राष्ट्रीय भावना के आधार पर तीन प्रतिभागियों का चयन किया गया:प्रथम पुरस्कार – पुनीता कुमारी,द्वितीय पुरस्कार – सुमन कुमारी,तृतीय पुरस्कार – रिंकू कुमारी विजेताओं को देकर सम्मानित किया गया, जिससे उनके उत्साह और आत्मविश्वास को और बल मिला।
जन विकास क्रांति के महासचिव डॉ. हिमराज सिंह ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा: “हैंडलूम केवल वस्त्र नहीं, यह भारत की सांस्कृतिक आत्मा और स्वावलंबन का प्रतीक है। इस प्रकार की प्रतियोगिताएं न केवल लोककला को जीवित रखती हैं, बल्कि बुनकरों और महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम भी बनाती हैं।” कार्यक्रम के समापन पर आयोजकों ने यह संकल्प लिया कि आने वाले वर्षों में भी इस प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से लोककला, स्वदेशी उत्पादों और ग्राम्य प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा।इस अवसर पर कुमारी स्नेहा सिंह (प्राचार्या), धनजी कुमार, नाज़बुन, दूजा कुमारी,अनूप कुमार, विकास कुमार (स्वयंसेवक, मेरा युवा भारत) सहित सैकड़ों स्थानीय युवा, महिलाएं और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी ने कार्यक्रम की सराहना की और हैंडलूम शिल्पियों को प्रेरणा देने के इस प्रयास को सराहा