सचिव रेखा यादव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण धौलपुर द्वारा पॉश एक्ट के संबंध में एडीआर परिसर में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

सचिव रेखा यादव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण धौलपुर द्वारा पॉश एक्ट के संबंध में एडीआर परिसर में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
,कार्यस्थल पर हो उत्पीड़न तो आवाज उठाएं महिलाएं- रेखा यादव,
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसरण में एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) धौलपुर अरुण कुमार अग्रवाल के निर्देशन/मार्गदर्शन में आज दिनांक 15.09.2025 को सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) धौलपुर रेखा यादव द्वारा एडीआर परिसर धौलपुर में कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (पॉश एक्ट) के संबंध में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमे सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रेखा यादव द्वारा कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण अधिनियम, 2013) एवं पोश एक्ट के बारे में जानकारी दी।
सचिव रेखा यादव द्वारा उपस्थित महिलाओं को नालसा, रालसा एवं डालसा की कार्यप्रणाली के बारे में बताया साथ ही पॉश एक्ट, जिसका अर्थ कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 है, कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न को रोकने और उससे निपटने के लिए बनाया गया है। यह अधिनियम 9 दिसंबर, 2013 को लागू हुआ था। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सुरक्षित कार्य वातावरण प्रदान करना है इसके अतिरिक्त सचिव ने बताया कि पोश एक्ट के तहत सभी सरकारी और गैर सरकारी संस्थान ,विभाग, संस्थाये, भवन, क्रीडा स्थल, क्लब, होटल, दुकाने एवं जो भी ऐसा स्थान हो जहाँ महिला वैतनिक अथवा अवैतनिक रूप मे कार्य करती है कार्यस्थल माना जायेगा एवं असंगठित क्षेत्र जैसे घरो मे काम करने वाली या ट्यूशन आदि देने वाली वैतनिक अथवा अवैतनिक महिलाएं जो काम करती है वह भी कार्य स्थल माना जायेगा। कानून की परिभाषा मे शारीरिक सम्पर्क और फायदा उठाना, लैंगिक फ्क्षपात की मांग या अनुरोध करना, अश्लील साहित्य दिरवाना, लैंगिक प्रकृति का कोई अन्य निंदनीय शारारिक या गैर शाब्दिक आचरण करना इत्यादि ये सब यौन उत्पीडन माना जाता है साथ ही महिलाओं के लिए कानून जैसे घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005, दहेज निषेध अधिनियम 1961, महिलाओं का अशिष्ट चित्रण (निषेध) अधिनियम 1986 कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (निषेध) अधिनियम 1986, अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम 1956, गर्भ का चिकित्सकीय समापन अधिनियम, 1971, दहेज निषेध अधिनियम 1961, घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, मातृत्व लाभ अधिनियम, कन्या भू्रण हत्या से जुड़े कानूनी प्रावधानों के बारे में जानकारी दी एवं भारत के लोकपाल के अधिदेश और कार्यप्रणाली के बारे में, अनुसूचित जाति व जनजातियों के लिए विरूद्ध अस्पृश्यता और अत्याचार, बाल विवाह, मीडियेशन फॉर दी नेशन अभियान, राष्ट्रीय लोक अदालत, पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पौधा रोपण करने, बाल विवाह रोकथाम, बेटी बचाओ बेटी पढाओ, नारी सुरक्षा, नालसा व रालसा द्वारा जारी विभिन्न स्कीम व अन्य जन कल्याणकारी स्कीम व नालसा हेल्पलाईन नं. 15100 एवं नालसा व रालसा स्कीमों जैसे नालसा (डॉन-ड्रग जागरुकता और कल्याण, मार्गदर्शन-ड्रग मुक्त भारत के लिए) योजना 2025 के संबंध में जानकारी प्रदान की गई।
साथ ही विधि महाविद्यालय के छात्र सारांश अग्रवाल द्वारा उपस्थित महिलाओं को बताया कि पोश एक्ट का उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न को रोककर महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षित, गरिमापूर्ण, उत्पीड़न मुक्त वातावरण उपलब्ध करवाना है। किसी विभाग, संगठन, संस्था, कार्यालय, कम्पनी, अस्पताल तथा संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के अन्य कार्यस्थलों पर छेड़छाड़, अनुचित शारीरिक स्पर्श, अश्लील मौखिक टिप्पणी की शिकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए पोश एक्ट को लागू किया गया है।
मीटिंग में सचिव रेखा यादव के अलावा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के समस्त कर्मचारीगण, एलएडीसीज अधिवक्तागण, मंजरी फाउंडेशन से महिलाएं एवं विधि महाविद्यालय के छात्र सारांश अग्रवाल आदि उपस्थित रहे। संवाददाता ब्यूरो चीफ धौलपुर

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