भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा प्रारम्भ,

भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा प्रारम्भ,

विश्व में सभी कथाओं में श्रेष्ठ है भागवत कथा – आचार्य विजय राम कौशिक

धौलपुर। सोमवार से स्थानीय दारासिंह नगर में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का भव्य एवं पारम्परिक वेश में कलश यात्रा के साथ शुभारंभ हुआ। कथा व्यास आचार्य विजय राम कौशिक तासौंड़ वाले के नेतृत्व में पुलिस लाइन से शुरू हुई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु शामिल रहीं। कलश को पवित्र जल से भर कर लाने के बाद आयोजन स्थल पर धार्मिक विधि एवं मंत्रोच्चरण के साथ स्थापित किया गया।

 

यजमान नन्दकिशोर रावत, मिथलेश, पुरुषोत्तम शर्मा, वंदना, मुकेश, रविता, राधेश्याम, महावीर, अंतराम, राहुल, अभिषेक, मोनू, आराध्या, काव्य, अंशिका, वेदांत सहित अन्य भक्तजनों ने व्यासपीठ की पूजा-अर्चना कर विश्व कल्याण की कामना की और आरती के साथ शुरू किए गए श्रीमद्भागवत कथा में आचार्य विजय राम कौशिक ने उपस्थित श्रद्धालुओं को सर्वप्रथम इसकी महिमा से अवगत कराया।
उन्होंने बताया कि विश्व में सभी कथाओं में ये श्रेष्ठ मानी गई है। जिस स्थान पर इस कथा का आयोजन होता है, वो तीर्थ स्थल कहलाता है। इसको सुनने एवं आयोजन कराने का सौभाग्य भी प्रभु प्रेमियों को ही मिलता है। ऐसे में अगर कोई दूसरा अन्य भी इसे गलती से भी श्रवण कर लेता है, तो भी वो कई पापों से मुक्ति पा लेता है। इसलिए सात दिन तक चलने वाली इस पवित्र कथा को श्रवण करके अपने जीवन को सुधारने का मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। अगर कोई सात तक किसी व्यवस्तता के कारण नहीं सुन सकता है, तो वह दो-चार दिन ही इसे सुनने के लिए अपना समय अवश्य निकालें। तब भी वो इसका फल प्राप्त करता है, क्योंकि ये कथा भगवान श्रीकृष्ण के मुख की वाणी है, जिसमें उनके अवतार से लेकर कंस वध का प्रसंग का उल्लेख होने के साथ साथ इसकी व्यक्ति के जीवन में महत्ता के बारे में भी बताया गया है। इसके सुनने के प्रभाव से मनुष्य बुराई त्याग कर धर्म के रास्ते पर चलने के साथ-साथ मोक्ष को प्राप्त करता है। उन्होंने बताया कि इस कथा को सबसे पहले अभिमन्यु के बेटे राजा परीक्षित ने सुना था, जिसके प्रभाव से उसके अंदर तक्षक नामक नाग के काटने से होने वाली मृत्य़ु का भय दूर हुआ और उसने मोक्ष को प्राप्त किया था। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।
———- संवाददाता ब्यूरो चीफ धौलपुर

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