सिवनी— धूमा में शारदा गैरेज में काम कर रहा रहे एक पीड़ित ने धूमा थाने में 12/09/2017को रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि दोपहर करीब तीन बजे उसकी पत्नि ने आकर बताई कि नाबालिग छोटी लडकी उम्र 14 वर्ष दिन में 12 बजे से घर से बिना बताए कही चली गई है तो वह लडकी को धूमा के आसपास की जगह नाते रिश्तेदारों में तालाश करते रहा एवं रिश्तेदारों में फोन करके पता किया कही पता नहीं चला, उसे शक है कि उसकी नाबालिक लडकी को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला फुसला कर भगाकर ले गया है।
रिपोर्ट कि सूचना पर थाना धूमा पुलिस के द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना कार्यवाही के दौरान संदेही आरोपी राजेश यादव से पूछताछ कर मेमोरेंडम कथन लिए गए जिसमें उसने बताया कि दिनांक 12/09/2017 को 11 बजे पिडिता उसके घर आई और 10 रूपये मांगी तो उसने बोला ये सब्जी पडी है उसमें से खराब वाली छांट दो संदेही ने यह भी बताया कि उसने पिडिता को हॉथ से धक्का दिया सामने का दरवाजा धीरे से अंदर से बंद किया और पिडिता को जमीन पर पटककर उसके साथ बुरा काम किया।
पिडिता ने जब घटना की जानकारी मम्मी को बताने को कहा तो वह डर गया दोनों हाथ से जोर से पिडिता का गला दबा दिया जिससे वह थोडी देर बाद मर गई, उसने पिडिता की लाश को पलंग पेटी में डालकर पेटी बंद कर दिया। पिडिता को उसके घर वाले ढूंढने लगे तो वह भी उनके साथ ढूंढने का बहाना किया। दिनांक 23/09/2017 को उसने पेटी का ढक्कन खोलकर देखा तो पेटी से उसे सडी गंध आ रही थी उसी दिन रात में करीब 3 बजे पीडिता की लाश को पेटी से निकालने के लिए उसकी चोटी पकड कर खींचा तो उसकी चोटी बाल सहित उसके हॉथ में आ गई, फिर लाश को कंधे पर रख कर मोहल्ले के धर्मेंद्र सोनी के खाली मकान की दहलान में ले जाकर फेंक दिया उक्तं सूचना पर पुलिस ने जप्तीं कार्यवाही कर आरोपी को गिरफतार किया विवेचना पूर्ण कर आरोपी के विरूद्ध में अभियोग पत्र श्रीमान दिलीप गुप्ता द्वितीय अपर सत्र न्यायालय लखनादोन में प्रस्तुत किया गया। जिसमें शासन कि ओर से श्री अनिल माहोरे विशेष लोक अभियोजक/ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी लखनादौन के द्वारा सबूतों एवं गवाहों को माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया न्यायालय द्वारा सबूतों एवं गवाहों से सहमत होते हुए आरोपी राजेश यादव पिता क्रपाराम यादव उम्र 20 साल निवासी टंकी मोहल्ला धूमा को धारा 302 भा.द.सं. में आजीवन कारावास एवं 5000/-रूपये अर्थदंड , धारा 201 भा.द.सं. में 3 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000 रूपये अर्थदंड एवं धारा 376(क) भा.द.सं. में आजीवन कारावास जो उसके शेष प्राक्रत जीवनकाल(अंतिम सांस) तक के लिए अभिप्रेत होगा से दंडित किया गया।
सोहेब अंसारी की रिपोर्ट R9. भारत