Report By-महेंद्र अग्रवाल
गोमती ने कहा घटना दुखद लेकिन ओछी राजनीति से बाज आए विपक्ष
रायगढ़ :- बालासोर रेल दुर्घटना मामले में विपक्ष द्वारा रेल मंत्री का इस्तीफा मांगे जाने के मामले में प्रतिक्रिया देते हुए सांसद गोमती साय ने दुर्घटना में मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा घटना दुखद है लेकिन विपक्ष इस मामले को लेकर ओछी राजनीति कर रही है। सांसद गोमती साय ने रेल दुर्घटना के आंकड़े मीडिया से साझा करते हुए कहा युपीए के आखिरी 9 साल में 1,477 रेल हादसे हुए वही मोदी सरकार के 9 वर्ष के दौरान ये आंकड़े पचास प्रतिशत से घटकर 638 हो गए। सबसे बड़ी बात यह है कि आजादी के सत्तर सालो में जो काम नही हुए वह मोदी सरकार ने कर दिखाया। देश में मौजूद सभी मानव रहित रेलवे क्रासिंग खत्म किए । यूपीए सरकार के 2005-06 से 2013-14 के
आखिरी 9 सालो में 1,477 रेल दुर्घटनाओ में 2,217 लोगो की जान गई थी। वही मोदी सरकार के दौरान 2014-15 से 2022-23 तक 9 साल मे 638 रेल हादसो में 781 लोगो की मौत हुई है। 2014-22 के बीच सालाना 676 लेवल क्रासिंग बंद किए जबकि यूपीए सरकार ने हर साल 199 ही खत्म किए थे। 2014-2022 के बीच हर साल 1,225 रेलवे ओवरब्रिज और अंडरब्रिज बने जबकि यूपीए के 2009 – 2014 तक के कार्यकाल के हर साल बनने वाले 763 बने जो यूपीए के मुकाबले 61% ज्यादा है। रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य 33% से बढ़ाकर 90% हुआ। 2014 से पहले देश मे 33% रेलवे का इलेक्ट्रिफिकेशन हुआ था मोदी सरकार के 2014 से बाद से 2023 तक 37,011 किमी का इलेक्ट्रिफिकेशन किया। देश के 90% रेल पथ मार्ग इलेक्ट्रिक हो चुके है। नई रेल लाइन बिछाने का कार्य भी तेज गति से जारी है। मोदी सरकार के दौरान 37 हजार किमी नई पटरियां बिछाई गई । 2022-23 में 5,227 किमी में नया रेलवे ट्रैक बनाया है। मोदी सरकार ने सालाना 3,716 किमी हिसाब से 10 साल में 37,159 किमी रेल पटरियां बिछाई । वही यूपीए में नई पटरी बिछाने का आंकड़ा प्रति वर्ष 2,885 किमी ही था। वही सिग्नल सिस्टम में बढ़ोतरी हुई । 98% स्टेशन मॉर्डन सिग्नल सिस्टम से जुड़े । मोदी सरकार ने 31 मार्च 2023 तक भारतीय रेलवे के बोर्डगेज रुट के 6,506 स्टेशन में से 6,396 स्टेशनों को पैनल इंटरलॉकिंग , रुट रिले इंटरलॉकिंग और इलेक्ट्रिक से जोड़ दिया है। गोमती साय में कहा मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे एतिहासिक कार्यों को देख विपक्ष बौखला गया है और विधवा विलाप कर रहा है।