Report By-महेंद्र अग्रवाल
रायगढ़:- छत्तीसगढ़ के राजनीतिक तहलका पर सामाजिक कार्यकर्ता सर्व आदिवासी समाज ब्लॉक अध्यक्ष धरमजयगढ़ महेन्द्र सिदार ने आज अपना प्रतिक्रिया जारी कर कांग्रेस/भाजपा को आड़े हाथ लिया और कहा की आदिवासी नेताओ इतिहास झांक लो और याद करो अभिभाजित मध्यप्रदेश में बड़े बड़े कद्दावर नेताओं को भी दरकीरान कर दिया गया कांग्रेस के स्व भंवरलाल पोर्ते को और आदिवासी के शान रहे पेशा कानून के जनक स्व दिलीप सिंह भूरिया जी अपनी बात डंके के चोट पर संसद में रखते थे लेकिन आज तक कांग्रेस भाजपा सरकार ने उनको सम्मान नहीं दिया क्यों?? अभिभाजीत मध्य प्रदेश में सारंगढ़ आदिवासी राजा स्व नरेश चंद्र सिंह जी को 12 दिन की मुख्य मंत्री बना कर दिया कांग्रेस उन्हे कटपुतली की तरह नचाना चाहती थी पर उन्होंने 12 दिन में ही अपने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और राज्य विधान सभा की सदस्य से भी और फिर कांग्रेस छोड़ कर राज्य के जनता के लिए राजा रहकर समाज उत्थान की कार्य किया।।
छत्तीसगढ़ की बात करे तो आज स्व दादा सोहन पोटाई जी भाजपा छोड़ कर समाज कल्याण में इतिहास बना गए। आज आदरणीय दादा अरविंद नेताम जी (प्रदेश अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज) कांग्रेस से किनारा कर समाज कल्याण में रात दिन लगे है। वर्तमान भाजपा नेताओं है जिन्हे अब किनारे कर दिया गया है विष्णु देव साय जी रामविचार नेताम जी रामसेवक पैकरा जी वरिष्ट आदिवासी कद्दावर नेताओं में आते है लेकिन इनकी भी स्तिथि कहा है क्या पता ?? अविभाजित मध्यप्रदेश में रामपुर विधानसभा से उप मुख्यमंत्री रहे स्व कंवर जी की नाम तक किसी को पता नही अभी तक उनको सम्मान नहीं दिया गया क्यों??
छग कांग्रेस की बात करे तो स्तिथि सामने है सब देख रही है समाज
भाजपा द्वारा 09 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस की दिन ही पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय जी को उसके पद से हटा दिया गया। और आज कांग्रेस द्वारा प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम जी की नियुक्ति पर कुमारी शैलेजा जी द्वारा निरस्त कर दिया गया। क्या मरकाम जी को प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते इतना भी अधिकार नहीं है की वे अपना संगठन विस्तार कर सके ?? और रही बात पिछले कांग्रेस पार्टी की महाधिवेशन हुआ तब भी मरकाम जी की फोटो नही लगा था। क्या उस समय कांग्रेस पार्टी संगठन की अधिवेशन था या छग सरकार की मैं हैरान हूं…?? अब इन सवाल की जवाब कांग्रेस भाजपा के नेताओ दें?? अब आदिवासी समाज सब कुछ समझ गई है कांग्रेस/भाजपा की दोहरी नीति को अब जनता आगामी चुनाव में इसको सबक सिखाएगी।।
कांग्रेस/भाजपा के आदिवासियों नेताओ से अपील है की पार्टी के विचार को छोड़िए अब तो समझ जाओ इनकी नीति, राजनीतिक दल आदिवासी समाज के सिर्फ आरक्षित सीट के कारण आदिवासी को वोट के लिए उपयोग किया जाता है,, आओ सामाजिक विचार के साथ हम सब मिलकर इस आगामी चुनाव में सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले राज्य को अगले मुख्यमंत्री आदिवासी समाज से और एसटी एससी ओबीसी सभी समाज की अधिकार को उनको दिलाए।। बात करे तो आजादी के बाद कितने दिन तक आदिवासी मुख्यमंत्री बनाई है भाजपा या कांग्रेस ने?? कहती है आदिवासी हितैषी है पार्टी??? आज नही नही बनाई। अब सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ दादा अरविंद नेताम जी के आवाह्न से पूरी एसटी आरक्षित सीट और अन्य बीस प्रभाव सीट पर चुनाव लडेगी या अन्य समाज को समर्थन करेगी, और छग में पूर्व बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है।